डॉ कफील खान की रिहाई के लिए चला कैम्पेन, TWITTER पर हुआ ट्रेंड
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डॉ कफील खान की रिहाई के लिए चला कैम्पेन, TWITTER पर हुआ ट्रेंड

डाॅ कफिल के समर्थन में बाॅलीवुड की हस्तियों ने भी अपना समर्थन किया. इनमें ऋचा चड्ढा और स्वरा भास्कर ने हैशटैग #DrKafeelKhanKoAzaadKaro के साथ अपना समर्थन दिया.

फ़ाइल फोटो

नई दिल्ली: डाॅ कफील एक बार फिर ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगे हैं. दरअसल डाॅ कफिल की रिहाई के लिए एक कैम्पेन सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है, इसमें कफिल की रिहाई का मुद्दा ट्वीटर पर बुधवार को ट्रेंड करने लगा. डाॅ कफिल के समर्थन में बाॅलीवुड की हस्तियों ने भी अपना समर्थन किया. इनमें ऋचा चड्ढा और स्वरा भास्कर ने हैशटैग #DrKafeelKhanKoAzaadKaro के साथ अपना समर्थन दिया.

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गौरतलब है कि समाजिक कार्यकर्ता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान की आजादी की मांग को लेकर एक अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियानए मंगलवार शाम से ट्वीटर पर  ट्रेंड कर रहा था. इस अभियान को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हैबियस कॉर्पस की याचिका की सुनवाई की पूर्व संध्या पर शुरू किया गया था. 

उनकी रिहाई को लेकर सरकार से मांग होती रहती है. वहीं अदालत में उनकी ज़मानत को लेकर होंने वाली सुनवाई अक्सर आगे बढ़ाई जाती रही है. जिस पर नाराज़ कई सोशल एक्टिविस्टों ने अदालत की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठाया है. कफील की पत्नी एशबिस्ता खान ने सोशल मीडिया पर इस अभियान के जरिये अपने पति की रिहाई के लिए समर्थन मांगा है. 

डॉ कफील खान की शबिस्ता खान ने एक वीडियो संदेश में, लोगों से अपने पति की रिहाई के लिए एक अभियान चलाने का आग्रह किया. कफील के भाई अदील अहमद खान के मुताबिक, हैबियस कॉर्पस की याचिका उनकी मां नुजहत परवीन ने दायर की है. याचिका में कफील को हिरासत में लेने से पहले चार दिनों के लिए उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, nsa लगाने की चुनौती दी गई थी. जबकि उसके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में उसे जमानत दे दी गई थी.

उन्होंने कहा, सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं तो वह एक महामारी के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति को कैसे बाधित कर सकते हैं? कानून के विरोध के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भाषण के बाद डॉक्टर कफील 29 जनवरी से सलाखों के पीछे है. भाषण को यूपी सरकार द्वारा उत्तेजक माना गया था. इसके बाद उन्हें एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था. एनएसए के तहत 12 महीने तक के लिए किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने की अनुमति देता है. इसे सबूतों के आधार पर बढ़ाया जा सकता है.

कफील की रिहाई की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर निरंतर अभियान चलता रहता है. कफील ने एक पत्र के जरिये मथुरा में जेल की दयनीय स्थितियों के बारे में बताया था जो सोशल मीडिया पर साझा किया गया था. डॉ कफील द्वारा जून में चार पन्नों का पत्र लिखा गया थाए जिसमे उन्होंने अपने बैरक की स्थितियों के बारे में बताया था. इस पत्र में लिखा था कि 150 कैदी एक शौचालय साझा कर रहे थे. इससे पहलेए मार्च में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था उन्हें महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए अपनी चिकित्सा विशेषज्ञता का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

 

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