यूपी के योगी मॉडल की गूंज लखनऊ से 12,346 किलोमीटर दूर अमेरिका के व्हाइट हाउस में सुनाई दे रही है.
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नई दिल्ली: अमेरिका में योगी मॉडल चर्चा में है. जी हां! आप सुनकर हैरान हो गए होंगे कि अमेरिका में योगी मॉडल का क्या काम लेकिन सच्चाई ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 'योगी मॉडल' पसंद है. यूपी के योगी मॉडल की गूंज लखनऊ से 12,346 किलोमीटर दूर अमेरिका के व्हाइट हाउस में सुनाई दे रही है.
पिछले साल दिसंबर, 2019 में नागरिकता कानून के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन के नाम पर दंगाइयों ने हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की. हिंसा उत्तर प्रदेश में भी तोड़फोड़ हुई थी और जगह-जगह आग लगाकर गाड़ियों, पुलिस चौकियों और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था लेकिन ऐसी घटनाओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से एक नई शुरुआत की थी. दंगाइयों को सबक सिखाने का पूरा इंतजाम किया गया. यूपी सरकार ने 100 से ज्यादा जगहों पर पोस्टर्स लगाए थे और इन पोस्टर्स पर 57 दंगाइयों के नाम, उनका पता और उनसे वसूली जाने वाली रकम लिखी गई थी.
यूपी के उस योगी मॉडल की गूंज लखनऊ से 12,346 किलोमीटर दूर अमेरिका के व्हाइट हाउस में सुनाई दे रही है. व्हाइट हाउस के पास लेफायेट्टे स्क्वायर हुए दंगें के 15 आरोपियों की तस्वीरें पोस्टर में लगाई गई हैं. इन पर व्हाइट हाउस के पास लगी पूर्व राष्ट्रपति एंड्र्यू जैक्सन की प्रतिमा को गिराने की कोशिश करने का आरोप है.
MANY people in custody, with many others being sought for Vandalization of Federal Property in Lafayette Park. 10 year prison sentences! @FBIWFO pic.twitter.com/mrLyxbWNvq
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 26, 2020
दंगों की वसूली का 'योगी मॉडल'
यूपी में CAA हिंसक प्रदर्शन में दंगाइयों को पकड़ने का ब्लू प्रिंट तैयार हुआ.
फिर CCTV, वीडियो फुटेज से दंगाइयों की पहचान की गई.
चौराहे पर दंगाइयों से वसूली के पोस्टर लगे.
दंगाईयों को वसूली का नोटिस भेजे गए.
दंगाईयों को पकड़ने के लिये पुलिस की रेड हुई.
हांलाकि बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार ने हिंसा के आरोपियों के पोस्टर लगाने के आदेश पर रोक लगा दी थी.
आगरा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात भी हुई थी, जब वो ताजमहल देखने आगरा आए थे. ये पोस्टर अमेरिका राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ट्टवीट करते हुए कहा कि "कई लोग हिरासत में लिए गए हैं, कई लोगों की तलाश जारी है जिन पर लेफायेट्टे स्क्वायर में सार्वजनिक संपत्ति तोड़ने का आरोप है. इसमें 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है."
अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने मूर्ति पर चढ़कर उसे रस्सियों से बांध कर उसे खींच कर तोड़ दिया. 19वीं शताब्दी में राष्ट्रपति रहे जैक्सन का अमेरिका के मूल निवासियों के खिलाफ अच्छा व्यवहार नहीं रहा था जिसकी वजह से वो नस्लभेद का विरोध करने वालों के निशाने पर हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने भी अब दंगाइयों के खिलाफ यूपी के योगी मॉडल को ही अपनाया लगता है.