भारत और चीन के बीच मध्यस्थता के सवाल पर ट्रंप ने कहा, 'अगर उन्हें लगता है कि मेरे मध्यस्थता करने से उन्हें मदद मिलेगी तो मैं ऐसा करना चाहूंगा.'
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नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'भारत और चीन के बीच बड़ा विवाद चल रहा है, 1.4 बिलियन लोगों और बेहद ताकतवर मिलिट्री के बीच ये विवाद है. भारत खुश नहीं है और ये भी संभव है कि चीन भी खुश ना हो. मैंने पीएम मोदी से बात की थी, चीन के साथ जो भी चल रहा है, उस पर उनका मूड अच्छा नहीं है.'
भारत और चीन के बीच मध्यस्थता के सवाल पर ट्रंप ने कहा, 'अगर उन्हें लगता है कि मेरे मध्यस्थता करने से उन्हें मदद मिलेगी तो मैं ऐसा करना चाहूंगा.'
वहीं चीनी मीडिया का भी इस मुद्दे पर बयान सामने आया है. चीन के सरकारी मीडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीन और भारत को वर्तमान में सीमा पर जारी गतिरोध को हल करने के लिए अमेरिका की सहायता की जरूरत नहीं है.
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चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन सरकारी समाचारपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपे एक लेख में कहा गया कि दोनों देशों को राष्ट्रपति ट्रंप की सहायता की जरूरत नहीं है.
इसमें कहा गया, 'हालिया विवाद को भारत और चीन द्विपक्षीय वार्ता से सुलझाने में सक्षम हैं. दोनों देशों को अमेरिका से सतर्क रहना चाहिए जो कि क्षेत्र में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के अवसर की तलाश में रहता है.'
इससे पहले भारत भी अमेरिका के इस प्रस्ताव को ठुकरा चुका है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम इसके शांतिपूर्वक समाधान के लिए चीन के संपर्क में हैं. दोनों पक्षों में सैन्य और राजनयिक स्तरों पर बातचीत हो रही है.'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सैनिक मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन के साथ हुए द्विपक्षीय समझौतों के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं का कठोरता से पालन कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे सैनिकों ने सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत जिम्मेदार रुख अपनाया है. भारत, चीन ने बातचीत के माध्यम से सीमा मुद्दों को हल करने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तरों पर तंत्र स्थापित किए हैं. (इनपुट:भाषा से भी)
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