बंगाल में दुर्गा पूजा समितियों की एक बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने 112 फीट की दुर्गा प्रतिमा बनाए जाने संबंधी एक खबर का जिक्र करते हुए सुरक्षा-व्‍यवस्‍था को लेकर चिंता जताई. उन्‍होंने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी दुर्गा प्रतिमा बनाकर या चमकीला लाइट लगाकर क्या होगा? उन्‍होंने आशंका जताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों में कई बार हालात बेकाबू हो जाते हैं और भगदड़ होने की संभावना बढ़ सकती है. दरअसल नदिया जिले में कमालपुर गांव का अभियान संघ इस तरह का आयोजन करने का इच्‍छुक है. इस गांव में 55 साल से दुर्गा प्रतिमा स्‍थापना की परंपरा है. ममता बनर्जी ने इस तरह के आयोजन पर सवालिया निशान उठाते हुए वहां के कार्यकर्ताओं से जिम्‍मेदारी लेने की बात कही. साथ ही पुलिस प्रशासन द्वारा मदद दिए जाने का आश्‍वासन भी दिया. 


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एक्‍शन में आई पुलिस
मुख्यमंत्री के द्वारा चिंता जताने के बाद तुरंत नदिया जिले की पुलिस हरकत में आई और कमालपुर अभियान संघ की दुर्गा मूर्ति बनाने का काम स्थगित कर दिया गया. पूजा समिति के कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुलिस के तरफ से दुर्गा पूजा बंद करने की बात नहीं की गई बल्कि प्रशासनिक इंस्पेक्शन के लिए काम को बंद करने का निर्देश दिया गया. हालांकि ममता बनर्जी द्वारा इतनी बड़ी दुर्गा प्रतिमा पर सवाल उठाने के बाद गांव वाले चिंतित है कि 55 साल से चला आ रहा दुर्गा पूजा का आयोजन तो कहीं बंद नहीं हो जाएगा. 


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30 लाख का था बजट
करीब 42 लाख स्‍क्‍वायर फीट इलाके में फैले इस पूजा का बजट 30 लाख का बनाया गया था. लेकिन बाद में बढ़कर करीब 70 लाख तक पहुंच गया. समिति के कार्यकर्ताओं का दावा है कि यह पैसा गांववाले चंदे के रूप में दे रहे थे, कोई स्पॉन्सरशिप या एडवरटाइजमेंट से मिला हुआ पैसा नहीं था.


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गौरतलब है कि 2015 में कोलकाता के देशप्रिय पार्क पूजा समिति ने 100 फीट की दुर्गा प्रतिमा बनाई थी. पंचमी के दिन पंडाल के उद्घाटन के बाद इतनी भीड़ हुई कि कई लोग घायल हो गए. घटनास्थल पर इमरजेंसी सर्विस की गाड़ी भी नहीं पहुंच पा रही थी. पुलिस कमिश्‍नर को भी गाड़ी की जगह पहले मेट्रो और फिर 1 किमी पैदल चलके देशप्रिय पार्क तक पहुंचना पड़ा था. उस दिन अचानक से पूरे कोलकाता शहर घंटों तक अवरुद्ध हो गया था.