Yogi Adityanath and Keshav Prasad Maurya: यूपी में बीजेपी के भीतर वरिष्ठ नेताओं के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. खटखट की खबरें पहले से ही आ रही थीं लेकिन अब कहा जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच खींचतान बढ़ रही है.
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UP Politics: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद यूपी के भीतर बीजेपी के भीतर खींचतान बढ़ती ही जा रही है. पार्टी के भीतर ही एक 'विपक्ष' बनता नजर आ रहा है. मंत्रियों के बीच भी गुटबाजी भी देखने को मिल रही है. ये अंदरखाने की बातें तब से सामने आ रही हैं जब 14 जुलाई को बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अलग सुर अपनाते हुए ये कह दिया कि सरकार से बड़ा संगठन है. इसको परोक्ष रूप से सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली पर सवालिया निशान के रूप में देखा गया. उसके बाद से ही पार्टी के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच खटपट की खबरें छनकर सामने आ रही हैं. इधर तीन दिनों में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं जो कहीं न कहीं इन खबरों पर मुहर लगाती दिखती हैं.
ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात
सोमवार को सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ आजमगढ़ में समीक्षा बैठक की थी. उसमें सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वो वहां नहीं पहुंचे. लेकिन उसी दिन शाम को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलने पहुंच गए. मौर्य ने बाकायदा इस मुलाकात की फोटो भी एक्स पर शेयर कीं. इस पर कैप्शन भी लिखा गया कि लखनऊ में सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर से आत्मीय भेंट हुई. फोटो में दोनों नेता एक-दूसरे का हाथ पकड़े हुए मुस्कुराते नजर आए. इन तस्वीरों को सियासी हलकों में लामबंदी के रूप में देखा जा रहा है.
आज लखनऊ के सात कालिदास मार्ग स्थित कैम्प कार्यालय में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार में मा0 कैबिनेट मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर जी से आत्मीय भेंट की और विभिन्न विषयों पर वार्ता की।@oprajbhar @SBSP4INDIA pic.twitter.com/yUYeSshvkG
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 22, 2024
इसके बाद मंगलवार को केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ स्थित अपने कैंप कार्यालय में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद से मुलाकात की. डॉ संजय निषाद भी राजभर की तरह ओबीसी नेता हैं और चुनाव में बीजेपी की हार के लिए बुलडोजरों पॉलिटिक्स को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं. यूपी में एनडीए के खराब प्रदर्शन पर निषाद ने कहा था कि बुलडोजरों का बेजा इस्तेमाल हार के प्रमुख कारणों में से एक रहा है.
लखनऊ के सात कालिदास मार्ग स्थित कैंप कार्यालय पर मा0 कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद जी एवं निषाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री रविंद्र मणि निषाद जी से शिष्टाचार भेंटकर विभिन्न विषयों पर वार्ता की।@mahamana4u @nishadparty4u pic.twitter.com/NvFGAlvKPE
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 23, 2024
इसके अलावा भी केशव प्रसाद मौर्य आजकल जितने भी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं उन सबकी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं. इसी बीच केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी के विभाग से आरक्षण को लेकर सवाल भी दागा था. यहां पर विपक्ष के रोल में दिखते हुए उन्होंने अपनी ही सरकार से सवाल पूछा था. उन्होंने संविदा और ऑउटसोर्सिंग से हुई भर्तियों की रिपोर्ट भी मांगी थी. वो पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि पत्र पिछले साल लिखा गया था लेकिन अब रिमाइंडर भेजा गया है.
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हालांकि 14 जुलाई के बाद केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मिले थे तो यही समझा गया कि शायद इन दूरियों को कम करने का प्रयास किया जाएगा लेकिन इस हफ्ते की सियासी घटनाओं को देखने के बाद कहा जा रहा है कि ये दूरियां घटने के बजाय बढ़ ही रही हैं.
बीजेपी के अंदरखाने और सहयोगी दलों की तरफ से उठ रहे सवालों के बीच हैरानी की बात ये है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोई टिप्पणी कहीं नहीं की है और वो चुपचाप सरकार के कामकाज में जुटे हैं. जानकार इससे भी ज्यादा इस बात को लेकर आश्चर्य जता रहे हैं कि बीजेपी के अंदरखाने से बढ़ते विरोध के बावजूद संगठन की तरफ से कहीं सख्ती दिखाने वाली बात नजर नहीं आ रही है. इन सबको देखते हुए विश्लेषकों का कहना है कि बहुत संभव है कि बीजेपी 10 सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों तक संभवतया चुप्पी साधे रहेगी और पार्टी के भीतर और सहयोगियों की तरफ से उठते सवालों के जवाब उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे.