Rajnath Singh ने ASEAN के मंच पर चीन को घेरा, बिना नाम लिए साधा निशाना
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Rajnath Singh ने ASEAN के मंच पर चीन को घेरा, बिना नाम लिए साधा निशाना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि पिछले एक दशक में सामूहिक उपलब्धि, रणनीतिक संवाद और व्यावहारिक सहयोग के माध्यम से बहुपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन क्षेत्र में निरंतर शांति स्थापित करने के लिए हमें एक लंबा रास्ता तय करना होगा.

 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत (India) ने वर्चुअल मंच से चीन (China) पर निशाना साधा है. आसियान (ASEAN) देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने चीन का नाम लिए बिना एक बार फिर दुनिया के समक्ष ड्रैगन का असली चेहरा उजागर करने का प्रयास किया. उन्होंने चीन की तरफ से उत्पन्न होने वाले खतरों और कार्रवाई का मुद्दा उठाया. 

  1. सितंबर में भी भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की हुई थी मुलाकात
  2. तब से अब तक दोनों पक्षों में हो चुकी हैं कई बैठकें
  3. चीन अपनी हरकतों से नहीं आ रहा है बाज

ADMM-PLUS की 10वीं वर्षगांठ

इस वर्चुअल बैठक में चीन (China) के रक्षामंत्री भी मौजूद थे. राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने ADMM-PLUS बैठक की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा, ‘नियम-आधारित आदेश, समुद्री सुरक्षा, साइबर संबंधी अपराधों और आतंकवाद का खतरा, हमें एक मंच के रूप में इन सभी चुनौतियों का सामना करना होगा. हमें सभी क्षेत्रों में लोगों की मौलिक आजादी का ध्यान रखना होगा और उनसे जुड़ी चुनौतियों को समझना होगा. सभी क्षेत्रों में शांति, स्थिरता और नियमों पर आधारित देश का आधार बनने के लिए हमारी प्रतिबद्धता ही विश्व का भविष्य निर्धारित करेगी'. मालूम हो कि इससे पहले सितंबर में भारत और चीन के रक्षा मंत्री मास्को में मिले थे, ताकि विवाद का शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके. तब से लेकर, अब तक दोनों देशों के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन तनाव अब भी बरकरार है.

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‘लंबा रास्ता तय करना है’
प्रत्यक्ष तौर पर चीन का नाम लिए बिना राजनाथ सिंह ने कहा, ‘जैसा कि हम आपसी विश्वास और बढ़ा रहे हैं, गतिविधियों के संचालन में आत्म-संयम बरत रहे हैं और उन कार्यों को करने से बचते हैं, जो स्थिति को और जटिल कर सकते हैं. ये कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनकी मदद से क्षेत्र में निरंतर शांति स्थापित की जा सकती है. हालांकि, इसके लिए हमें एक लंबा रास्ता तय करना होगा’.

ADMM की तारीफ
रक्षामंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में सामूहिक उपलब्धि, रणनीतिक संवाद और व्यावहारिक सहयोग के माध्यम से बहुपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. एडीएमएम इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और नियम-आधारित आदेश का आधार बनने के लिए अच्छा काम कर रहा है और हम उसकी सराहना करते हैं. 

क्या है उद्देश्य?

ADMM-PLUS, ASEAN और इसके आठ संवाद साझेदारों ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका (जिन्हें सामूहिक रूप से प्लस देश कहा जाता है) के लिए एक मंच है, जो कि सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए काम करता है.   

Corona सीमाएं नहीं मानता

COVID संकट पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस के लिए देशों की सीमाएं मायने नहीं रखतीं. लिहाजा महामारी से निपटने के लिए हमें सामूहिक तौर पर कदम उठाने होंगे और एक-दूसरे का सहयोग करना होगा. रक्षा मंत्री ने इंडो-पैसिफिक के मुद्दे पर भी आसियान का ध्यान आकर्षित किया. बता दें कि इस वर्ष वियतनाम आसियान समूह की अध्यक्षता कर रहा है और इस वर्ष ADMM-PLUS की 10 वीं वर्षगांठ भी है. एडीएमएम प्लस की पहली बैठक 12 अक्टूबर 2010 को हुई थी.

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