DUSU Election Results 2023: दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव के रिजल्ट्स शनिवार को सामने आ चुके हैं. तीन पदों पर एबीवीपी और उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई ने बाजी मारी है.
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DUSU Election Results: दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव के रिजल्ट्स शनिवार को सामने आ चुके हैं. तीन पदों अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव सीट पर एबीवीपी और उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई ने बाजी मारी है. अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के तुषार डेढ़ा ने 3115 वोटों से जीत हासिल की है. वहीं उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के अभि दहिया 1829 वोटों से जीते.
अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के तुषार डेढ़ा को 23,460 वोट मिले, जबकि एनएसयूआई हितेश गुलिया को 20,345 वोट मिले हैं. वहीं, उपाध्य पद पर एनएसयूआई के अभि दहिया ने एबीवीपी सुशांत धनखड़ को 1829 वोटों से हराया. अभि दहिया को 22,331 तो सुशांत धनखड़ को 20502 वोट मिले. सचिव पद पर एबीवीपी की अर्पिता को 24534 वोट और वहीं एनएसयूआई की यक्षणा शर्मा को 11597 वोट मिले हैं. सह सचिव पद पर एबीवीपी के सचिन बैंसला को 24955 वोट और एनएसयूआई के शुभम कुमार को 14960 वोट मिले हैं.
अमित शाह ने दी बधाई
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के चुनाव में एबीवीपी को मिली प्रचंड जीत पर परिषद् के सभी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई. यह जीत राष्ट्रहित को सर्वप्रथम मानने वाली विचारधारा में युवा पीढ़ी के विश्वास को दर्शाती है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि परिषद् के कार्यकर्ता युवाओं में स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों और राष्ट्रवाद की भावना को जागृत रखने के लिए निरंतर संकल्पित भाव से कार्य करते रहेंगे.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में @ABVPVoice को मिली प्रचंड जीत पर परिषद् के सभी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई।
यह जीत राष्ट्रहित को सर्वप्रथम मानने वाली विचारधारा में युवा पीढ़ी के विश्वास को दर्शाती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि परिषद् के कार्यकर्ता युवाओं में स्वामी…
— Amit Shah (@AmitShah) September 23, 2023
शुक्रवार को हुई थी वोटिंग
कॉलेजों में बनाए गए मतदान केंद्रों पर शुक्रवार सुबह 8:30 बजे से मतदान शुरू हुआ और दोपहर 1:00 बजे तक चला. इस दौरान कॉलेज परिसर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को मतदान करने का मौका मिला. मतदान केंद्रों के बाहर छात्रों को अपना आई कार्ड दिखाने के बाद ही मतदान करने के लिए प्रवेश दिया गया. पुलिस भी प्रवेश के समय जांच कर रही थी. शुरुआत में मतदान की रफ्तार धीमी थी, खासकर कैंपस कॉलेजों में.