रॉबर्ट वाड्रा पर मुश्किलों की 'स्ट्राइक'? संजय भंडारी केस में ED ने पहली बार लिया नाम
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रॉबर्ट वाड्रा पर मुश्किलों की 'स्ट्राइक'? संजय भंडारी केस में ED ने पहली बार लिया नाम

Robert Vadra: रॉबर्ट वाड्रा के लिये मुश्किले बढ़ने वाली हैं. ED ने रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सीसी थम्पी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ये चार्जशीट आर्म डीलर संजय भंडारी के खिलाफ Black Money से जुड़ी जांच में दाखिल की गयी है.

रॉबर्ट वाड्रा पर मुश्किलों की 'स्ट्राइक'? संजय भंडारी केस में ED ने पहली बार लिया नाम

Robert Vadra: रॉबर्ट वाड्रा के लिये मुश्किले बढ़ने वाली हैं. ED ने रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सीसी थम्पी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. ये चार्जशीट आर्म डीलर संजय भंडारी के खिलाफ Black Money से जुड़ी जांच में दाखिल की गयी है. संजय भंडारी फिलहाल फरार है और यूके में छिपा है जहां से उसे भारत वापिस लाने की कोशिश की जा रही है. एजेंसी ने सीसी थम्पी के साथ सुमित चड्ढा के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की है, जो संजय भंडारी का आदमी है और ब्रिटिश नागरिक है. जबकि थम्पी NRI है, जिसका बिजनेस ज्यादातर दुबई में है. 

वाड्रा की ब्लैक मनी?

ED ने इस मामले में सीसी थम्पी को 17 जनवरी 2020 को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. थम्पी 27 जनवरी 2020 तक एजेंसी की हिरासत में पूछताछ के लिये रहा लेकिन दो दिन बाद 29 जनवरी को ही अदालत ने थम्पी को जमानत पर रिहा कर दिया था. एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि थम्पी और सुमित चड्ढा का लंदन में 12 Bryanston Square के घर में काफी अहम रोल रहा है. दरअसल संजय भंडारी और रॉबर्ट वाड्रा के बीच की कड़ी है सी सी थम्पी और सुमित चड्ढा. इस पूरे मामले की जांच राबर्ट वाड्रा के विदेश में छिपे काले धन को लेकर भी है. 

रॉबर्ट वाड्रा से संजय भंडारी का कनेक्शन?

आरोप है कि लंदन में 12, Ellerton House, Bryanston Square  को 2009 में आर्म्स डीलर संजय भंडारी ने खरीदा था. लेकिन जून 2010 में ही थम्पी को बेच दिया. ED की जांच के मुताबिक असल में ये घर रॉबर्ट वाड्रा का है और बेनामी संपति और जांच से बचने के लिये थम्पी को ये फ्लैट कागजों में बेचा गया. एजेंसी ने ये भी बताया कि रॉबर्ट वाड्रा और सीसी थम्पी काफी करीबी हैं. दोनों के बीच कारोबारी रिश्ते भी हैं. रॉबर्ट वाड्रा ने संजय भंडारी के नाम लंदन के फ्लैट को ना सिर्फ रेनोवेट करवाया बल्कि इस घर में वो रहा भी है. इसके अलावा रॉबर्ट वाड्रा ने थम्पी के साथ मिलकर हरियाणा के फरीदाबाद में बड़ी जमीन भी खरीदी थी और दोनों के बीच फाइनेशिंयल संबध भी हैं. इस मामले में एजेंसी ने रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ भी की थी और हैरानी की बात है कि ED ने जब रॉबर्ट वाड्रा से थम्पी से रिश्ते के बारे में पूछताछ की थी तो वाड्रा ने बताया था कि वो थम्पी से प्लेन में यात्रा के दौरान मिले थे. जबकि थम्पी ने पूछताछ में इसके ठीक उलट बयान दिया. थम्पी ने बताया कि वाड्रा से सोनिया गांधी के PA पीपी माधवन ने मिलवाया था. 

कंपनियों का जाल

ED के मुताबिक संजय भंडारी ने शातिराना तरीके से यूएई और यूके में कंपनियों का इस तरह जाल बिछाया कि एजेंसी किसी भी तरीके से उस तक ना पहुंच सके. इसके लिये उसने इन दोनों देशों में मौजूद लोगों की मदद ली. संजय भंडारी ने शारजाह, यूएई के हमरियाह फ्री जोन में M/s Sky Lite Investment FZE को शुरू किया, फिर बाद में अप्रैल 2009 में सीसी थम्पी के साथ मिलकर इसका नाम बदल कर Mayfair Investment FZE कर दिया गया और थम्पी को ही इसका मालिक यानी पूरे शेयर उसी के नाम कर दिये गये.

लंदन की प्रॉपर्टी किसकी?

लंदन में 12 Bryanston Square फ्लैट M/s Sky Lite Investment FZE के नाम पर था. इस फ्लैट का रिनोवेशन करवाया गया और बाद में जब इस कंपनी का नाम Mayfair Investment FZE हो गया तो थम्पी ने इस कंपनी को अपने भतीजे Geever Vadakkethala के नाम 16 नवंबर 2011 को ट्रांसफर कर दिया. खास बात ये है कि इस फ्लैट की जो रिनोवेशन कोस्ट थी उसकी कोई लागत नहीं ली गयी और कंपनी इस संपत्ति के साथ ट्रांसफर होती चली गयी बिना किसी नफा-नुकसान के. यानी ये सब ट्रांसफर इसलिये किया जा रहा था ताकी एजेंसी की नजरों से छिपा रहा जा सके. इसका पता इस बात से चलता है कि, भले ही कागजों में संजय भंडारी ने जून 2010 में M/s Sky Lite Investment FZE को बेचा या ट्रासंफर किया लेकिन बावजूद इसके संजय भंडारी ही लंदन के इस फ्लैट की देखभाल कर रहा था.

सुमित, संजय भंडारी का दामाद

इस बात की जांच के लिये एंजेसी ने USA से मेल की कॉपी ली है जो सुमित और बीना के बीच इस संपत्ति के देखभाल को लेकर है. सुमित की शादी पूजा से हुयी है जो संजय भंडारी की भांजी है यानी सुमित, संजय भंडारी का दामाद है. बीना थम्पी की कर्मचारी है जो उसके ऑफिस के काम को देखती है.  एजेंसी को इस संपत्ति को लेकर किये गये जो मेल मिले है. उससे पता चलता है कि थम्पी और सुमित आपस में मिलकर संजय भंडारी के लिये काम कर रहे थे और दोनों ही उसके इस Black Money के मामले में साझेदार है. इससे ये भी पता चलता है लंदन के 12 Brynston Square पर संजय भंडारी का ही कंट्रोल है भले ही ये फ्लैट कागजों में थम्पी को और फिर उसके भतीजे को ट्रांसफर या बेचा गया हो. 

ईडी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे

संजय भंडारी को Black Money और Money Laundering के मामलों से बचाने के लिये विदेश में साजिश भी रची जा रही है जिसमें थम्पी और सुमित चड्ढा मिल कर मदद कर रहे है. इस काम के लिये संजीव कपूर, अनिरूद्ध वाधवा मिलकर यूएई में एक ट्रस्ट बनाने का प्लान कर रहे हैं, जो साल 2015 से पहले की हो. इनकी योजना है कि संजय भंडारी की ब्लैक मनी को इस ट्रस्ट में ट्रासंफर कर दिया जाये और संजय भंडारी को इस ट्रस्ट का ट्रस्टी दिखाया जाये जिसने साल 2015 में ही इस्तिफा दे दिया हो. इसके बाद सुमित चड्ढा को इसका नया ट्रस्टी दिखाया जाये. इससे संजय भंडारी की सारी संपत्ति का मालिकाना हक सुमित का हो जाएगी और क्योंकि संजय भंडारी इस ट्रस्ट से 2015 में ही इस्तिफा दे चुका है तो उस पर Black Money Act 2015 लागू नहीं होगा.

सुमित चढ्ढा के खिलाफ NBW

इस साजिश का एक और सबूत एजेंसी को मिलता है जिसमें जून 2016 में संजय भंडारी ट्रस्ट का प्लान बना खुद को विदेश में छिपा कर रखी ब्लैक मनी से दूर कर रहा है वहीं दूसरी तऱफ जून 2016 में ही थम्पी Mayfair Investment FZE को अपने भतीजे Geever Vadakkethala से अपने पार्टनर Yahya Ibrahim Al Reyaysa के नाम कर देता है. इसमें खास बात ये है कि संजय भंडारी का दामाद ब्रिटिश नागरिक है और थम्पी का पार्टनर Yahya यूएई का नागरिक है यानी दोनों ही भारतीय कानून से दूर. हालांकि इस मामले में एजेंसी ने सुमित चढ्ढा को भी आरोपी बनाया है और उसे पूछताछ के लिये नोटिस भी दिया गया लेकिन उसने नोटिस को रिसिव होने से ही इंकार कर दिया जबकि ये नोटिस डिप्लोमेटिक चैनल के जरिये भेजे गये थे. इसी के बाद अदालत ने आरोपी सुमित चढ्ढा के खिलाफ NBW यानी गैर जमानती वारंट जारी कर दिये है.

भगोड़ा संजय भंडारी कहां है?

वहीं दूसरी तरफ मुख्य आरोपी संजय भंडारी, संजीव कपूर और अनिरूध वाधवा के खिलाफ एजेंसी 1 जून 2020 को ही चार्जशीट दाखिल कर दी थी. जिसके बाद संजय भंडारी को भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. आरोपी को यूके से भारत वापिस लाने की कोशिश की जा रही है, वहां की अदालत ने संजय भंडारी को भारत पर्तयपर्ण करने की मंजूरी दे दी थी लेकिन संजय भंडारी ने खुद को भारत भेजे जाने के खिलाफ यूके की अदालत के इस फैसले को वहां की हाईकोर्ट में चैलेंज किया था जिस पर सुनवाई चल रही है. इस मामले में एजेंसी ने कारवाई करते हुये 26.55 करोड़ की भारत में मौजूद संपत्ति को जब्त कर लिया था.

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