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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) समेत देशभर में ईद उल अजहा (Eid al-Adha) का त्योहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा. दिल्ली के आसमान में बादलों के छाए रहने की वजह से चांद के दीदार नहीं हो सके. लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय समेत कई राज्यों में चांद दिखा है. इस बार बकरीद का त्योहार केरल (Kerala) में भी 21 जुलाई को मनाया जाएगा.
चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद (Dr Mufti Mukarram Ahmed) ने बताया कि कई राज्यों और शहरों में रविवार को इस्लामी कलेंडर के आखिरी महीने जुल हिज्जा का चांद दिखने की खबर आई है, और इसकी पुष्टि हुई है. लिहाजा ईद-उल-अजहा का त्योहार 10 जुलाई हिज्जा यानी 21 जुलाई, बुधवार को मनाया जाएगा.' बता दें कि बकरीद का त्योहार चांद दिखने के 10वें दिन मनाया जाता है, और बकरीद, ईद उल फित्र के दो महीने नौ दिन बाद मनाई जाती है.
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वहीं मुस्लिम संगठन इमारत ए शरीया हिंद और जामा मस्जिद के नायब शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी ने भी 21 जुलाई को बकरीद का त्योहार मनाने का ऐलान किया है. इस बार दिलचस्प है कि केरल में भी बकरीद बाकी देश के साथ मनाई जाएगी. केरल में अक्सर रमजान, ईद-उल-फित्र और बकरीद अरब मुल्कों के अनुसार मनाई जाती है. इस बार केरल में मुस्लिम संगठन ‘समस्त केरल जेम इय्याथुल उलमा’ ने धुर्म गुरुओं के हवाले से कहा कि नया चांद नहीं दिखा है जिसके बाद 21 जुलाई को बकरीद मनाने का फैसला किया गया है.
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इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के प्रमुख पी हैदर अली शिहाब थंगल, समस्त अध्यक्ष मोहम्मद जिफरी मुथुकोया थंगल और अन्य उलेमा द्वारा संयुक्त रूप से ईद उल अजहा मनाने की तारीख की घोषणा की गई है. इस बारे में मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि, 'मुस्लिम समुदाय के जिन लोगों के पास करीब 612 ग्राम चांदी है या इसके बराबर के पैसे हैं, उन पर कुर्बानी वाजिब है.' मौलाना मुकर्रम ने कहा, 'यह जरूरी नहीं है कि कुर्बानी अपने घर या शहर में ही की जाए. जहां लॉकडाउन लगा है, वहां के लोग अन्य स्थानों पर रहने वाले अपने परिचितों या रिश्तेदारों को कुर्बानी करने के लिए पैसे भेज सकते हैं.
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