बेंगलुरु है या लंदन! धोती पहने किसान को मॉल में घुसने तक नहीं दिया, मचा बवाल
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बेंगलुरु है या लंदन! धोती पहने किसान को मॉल में घुसने तक नहीं दिया, मचा बवाल

Farmer Denied Entry At Mall: बेंगलुरु के एक मॉल में एक व्यक्ति को इसलिए घुसने नहीं दिया गया क्योंकि उसने 'धोती' पहन रखी थी. सुपरवाइजर ने उससे कहा कि अगर वह पैंट्स पहने होता तो एंट्री मिल जाती.

बेंगलुरु है या लंदन! धोती पहने किसान को मॉल में घुसने तक नहीं दिया, मचा बवाल

Bengaluru Farmer News: आपने अगर 'धोती' पहन रखी है तो मॉल में एंट्री नहीं मिलेगी! बेंगलुरु में शायद यह अघोषित कानून लागू है. तभी तो वहां 'धोती' पहनने वालों को अक्सर गेट पर रोक दिया जाता है. ताजा वाकया मगदी मेन रोड पर जी. टी. मॉल का है. जीवन में 70 से ज्यादा वसंत देख चुका एक किसान यहां अपने बेटे के साथ मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने आया था. उन्होंने सफेद शर्ट और धोती पहन रखी थी इसलिए मॉल वालों ने भीतर घुसने ही नहीं दिया. कथित घटना 16 जुलाई को शाम 6 बजे के आसपास हुई.

पीड़ित किसान का नाम फकीरप्पा है. फकीरप्पा के बेटे नागराज ने मॉल के सिक्योरिटी सुपरवाइजर संग हुई बहस मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली. सुपरवाइजर को कहते हुए सुना जा सकता है कि मॉल के नियम धोती पहनने वालों को एंट्री की इजाजत नहीं देते. सुपरवाइजर ने कहा कि अगर फकीरप्पा ने पैंट्स पहन रखी होती तो वह उन्हें जाने देते. घटना से गुस्साए किसान यूनियनों ने धमकी दी है कि अगर प्रबंधन माफी नहीं मांगता है तो वे मॉल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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'अपनी संस्कृति, अपना पहनावा नहीं छोड़ सकता'

मामले ने तूल पकड़ा तो मीडिया तक बात पहुंची. पत्रकारों के सामने, फकीरप्पा की बातों में उनका दर्द छलक उठा. उन्होंने कहा, 'गांव के लोग कैसे अपनी धोती छोड़कर पैंट पहनकर फिल्म देखने आ सकते हैं?' फकीरप्पा ने बताया कि वह अनपढ़ हैं लेकिन शिक्षा का मोल जानते हैं.

उन्होंने कहा, 'मैंने अपने पांचों बच्चों को पढ़ाया. वे सभी अब अच्छी जगह लगे हैं... लेकिन मैं सिर्फ मॉल जाने के लिए अपनी संस्कृति, अपना पहनावा छोड़कर पैंट पहनना नहीं शुरू कर सकता. यह दुखद है कि लोग हमारे अपने राज्य में हमारी वेशभूषा और संस्कृति को लेकर हीन भावना महसूस करते हैं.' वहीं, नागराज ने कहा कि वह तो सिर्फ अपने पिता को मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाना चाहते थे.

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फरवरी 2024 में इस किसान को नम्मा मेट्रो में चढ़ने से रोका गया था.

इसी साल फरवरी में, सिर पर गठरी लादे और धोती पहने किसान को नम्मा मेट्रो में चढ़ने से रोक दिया गया था जबकि उसके पास वैध टिकट था. बाद में, बेंगलुरु मेट्रो ने किसान को रोकने वाले सुपरवाइजर को सस्पेंड कर दिया था.

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