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पुणे : किसानों के जाने माने नेता और ‘शेतकरी संघटना’ के नेता और संस्थापक शरद जोशी का 81 साल की उम्र में आज यहां निधन हो गया। शरद जोशी 2004 से 2010 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। जोशी के परिवार में दो बेटियां हैं जो विदेश में रहती हैं।
जोशी ने किसानों के हितों की खातिर संघर्ष करने के लिए 1979 में शेतकरी संघटना की शुरूआत की थी और वह प्याज की पैदावार और लाभकारी कीमतों की मांग के लिए 1980 में प्याज उत्पादकों के एक आंदोलन से सुखिर्यों में आए थे।
शरद जोशी अकेले ऐसे सांसद थे जिन्होंने संसद में महिलाओं के आरक्षण के खिलाफ मतदान किया था। उन्होंने अपने जीवनकाल में किसानों के लिए हमेशा संघर्ष किया। उन्होंने सरकार की किसान विरोधी नीतियों की हमेशा आलोजना की। यही वजह थी कि लोग उन्हें किसानों का नेता मानते थे।
शरद जोशी ने अपने जीवनकाल में अंग्रेजी अखबारों में अपने संपादकीय के माध्यम से किसानों के विकास के लिए सराहनीय कार्य किया। उन्होंने कृषि मुद्दों पर कई पुस्तकें भी लिखी।