कृषि कानूनों (Farm Law) को लेकर किसान नेताओं और केंद्र के बीच टकराव जारी है.
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टोहाना: कृषि कानूनों (Farm Law) को लेकर किसान नेताओं और केंद्र के बीच टकराव जारी है. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait), गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Chaduni) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) नेता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने अपने साथियों की रिहाई की मांग को प्रदर्शन तेज किया है.
बीते शनिवार की रात हरियाणा (Haryana) के फतेहाबाद (Fatehabaad) जिले स्थित टोहाना (Tohana Police Station) सदर पुलिस थाना के सामने उस वक्त हलचल बढ़ गई जब किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait), गुरनाम चढूनी (Gurnam Chaduni) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) नेता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान अपने साथियों की रिहाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए. किसान नेताओं का ये धरना अभी तक जारी है.
टिकैत और चढूनी समेत बाकी प्रदर्शनकारी पहले सदर स्थित अनाज मंडी में एकत्र हुए और वहां से गिरफ्तारी देने के लिए पुलिस थाने तक मार्च किया. इसके मद्देनजर थाने पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई थी. आपको बता दें कि पुलिस थाने के पास किसानों के साथ महिलाएं भी धरने पर बैठी हैं. किसान नेताओं ने कहा है कि धरने में अभी और लोग शामिल होंगे और प्रदर्शनकारियों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी.
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इससे पहले अनाज मंड़ी में जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि उनका प्रदर्शन तबतक जारी रहेगा जबतक कृषि कानून वापस नहीं हो जाते और कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून लागू नहीं हो जाता. उन्होंने कहा, 'सरकार को इन काले कानूनों को वापस लेना ही होगा. चाहे वह वर्ष 2022 में ले या 2023 में. वर्ष 2024 में ये कानून वापस हो जाएंगे, यह निश्चित है.’
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