Dragon fruit farming: परंपरागत खेती से हटकर मिर्जापुर के किसानों ने आधुनिक खेती पर जोर दिया है. इससे वह लाखों का मुनाफा भी कमा रहे हैं. बता दें कि कभी सिर्फ विदेशी जमीन पर उगने वाले ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन इस वक्त उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कुछ किसान कर रहे हैं. यहां करीब 85 एकड़ जमीन पर ड्रैगन फ्रूट उगाया जा रहा है. इस फल की खेती को लेकर 15 किसानों में बड़े स्तर पर पहल की. यहां होने वाली पैदावार को वाराणसी, लखनऊ और कानपुर जिले में भेजा जा रहा है. बता दें कि पहले साल में इस फल को उगाने की लागत करीब 3 लाख रुपये आई थी और तीसरे साल के आते-आते किसानों ने 5 लाख का मुनाफा कमाया है. साल 2022 में करीब 20 टन ड्रैगन फ्रूट की खेती की गई है. वहीं आने वाले साल 2023 में इसे करीब 100 टन पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.


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इन देशों में उगाया जाता है ड्रैगन फ्रूट


ड्रैगन फ्रूट कोई भारतीय फल नहीं है. इसकी पैदावार ज्यादातर बाहरी मुल्कों में की जाती है. इसे वियतनाम, थाईलैंड, मैक्सिको, इजरायल, श्रीलंका, मलेशिया और इंडोनेशिया समेत सेंट्रल एशिया के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है. बता दें कि मिर्जापुर में 3200 पौधे वियतनाम से ही लाए गए थे. ड्रैगन फ्रूट की सबसे ज्यादा पैदावार थाईलैंड में है. ड्रैगन फ्रूट के फायदे को देखते हुए इसकी मांग भारतीय बाजारों में भी बढ़ती जा रही है. यह कई बीमारियों के खिलाफ असर दिखाता है.


ड्रैगन फ्रूट के फायदे


शरीर की गिरती हुई इम्यूनिटी को बढ़ाने में ड्रैगन फ्रूट काफी मददगार साबित होता है. डेंगू के मरीजों को लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है. डेंगू के दौरान यह बॉडी के प्लेटलेट्स को बढ़ाने में मदद करता है. इसके अलावा यह मौसमी बीमारियों के खिलाफ भी असर दिखाता है. इस फल के सेवन से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है.


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