सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था और आज जवाब देने के लिए कहा था. केंद्र सरकार कोर्ट के नोटिस पर आज जवाब देगी.
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नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) का विरोध कर रहे किसानों को सड़कों से हटाने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज (गुरुवार) फिर सुनवाई होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था. केंद्र सरकार कोर्ट के नोटिस पर आज जवाब देगी.
किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है. बातचीत से ही मामले का समाधान होगा. कोर्ट ने कहा कि इसके समाधान के लिए कमेटी का गठन हो, जिसमें देशभर के किसान यूनियन और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हों. चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली सदस्यीय खंडपीठ ने इस मामले में 8 किसान संगठनों को पक्षकार बनाया है.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चर्चा के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों ने बुधवार को बैठक की. भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट ने कहा कि सरकार पर भरोसा नहीं है और कमेटी का हिस्सा नहीं बनेंगे.
कानून के छात्र ऋषभ शर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर याचिका में दिल्ली के सीमाओं से किसानों को हटाने की मांग की गई है और कहा गया है कि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं. इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस बाधित हो रही है. प्रदर्शन वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होने के कारण कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है. याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को सरकार द्वारा आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. एक अन्य याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को किसानों की मांग पर विचार करने का निर्देश दे.
कृषि कानूनों (Agriculture Laws) की वापसी के लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) लगातार 22वें दिन भी जारी है. सरकार और किसानों के बीच अब तक 6 दौर की बातचीत भी हो चुकी है, जो बेनतीजा रही है और किसान संगठन कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.
दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसानों ने अब अपने आंदोलन को नई धार देनी शुरू कर दी है. आंदोलन के 22वें दिन आज (गुरुवार) किसानों ने दिल्ली की चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह ब्लॉक करने का ऐलान किया है. वहीं दूसरी ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप पंचायत भी आज गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में शामिल होगी. जाहिर किसान संगठन सरकार पर दबाव बनाने में जुटे हैं. दूसरी ओर बीजेपी पूरे देश में किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है और नए कृषि कानून के फायदे बता रही है.
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