क्या कांग्रेस ने अब अपनी सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए मस्जिदों के फतवों की मदद लेनी शुरू कर दी है. राहुल की सभा के लिए राजस्थान के एक इमाम का फतवा पर राजनीति तेज हो गई है.
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नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) में लोगों का समर्थन जुटाने के लिए क्या कांग्रेस ने मौलानाओं की मदद लेनी शुरू कर दी है? ऐसा ही एक चर्चित वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें एक मौलाना मस्जिद से फतवा जारी करके कह रहा है कि सभी मुसलमान घर से निकलकर राहुल गांधी की सभा में शामिल होकर अपनी जिंदादिली का सबूत दें.
वायरल हुए वीडियो राजस्थान में मकराना (Makrana) की सुन्नी जामा मस्जिद (Sunni Jama Masjid) के इमाम मौलाना समसुद्दीन कादरी (Maulana Samasuddin Qadri) का है. वीडियो में कादरी कह रहा है कि 13 फरवरी को सुबह 11 बजे अपने काम वगैरह बंद करके राज पब्लिक स्कूल के पास सभा स्थल पर पहुंचकर के अपनी ज़िंदादिली का सबूत पेश करें और एकजुटता का परिचय दें. ये इसलिए भी ज़रूरी है कि आपके सिर पर 2025 की तलवार लटक रही है.
मौलाना कादरी कहता है,'अगर कोई ये कहता है कि इसका ऐलान नहीं करना चाहिए तो मैं पूछता हूं कि मंदिर आपको बनाना चाहिए? चलिए, बोलिये बनाना चाहिए? क्या जवाब देंगे आप? गुंजाइश है इस्लाम में.'
मौलाना कादरी कहता है,'कल यानी शनिवार को एक विशाल सभा आयोजित की जा रही है आपके मकराना में. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष जनाब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) हमारे राजस्थान के मुख्यमंत्री जनाब अशोक गहलोत साहब और खनन विभाग के मंत्री और दूसरे मिनिस्टर हज़रात और दूसरे विधायक साहब तशरीफ ला रहे हैं.'
मुसलमानों में बीजेपी का डर फैलाते हुए मौलाना ने कहा,'आप जानते हैं कि हमारे मुल्क में जो बीजेपी हुकूमत है केंद्र में. जो वो लोग काम कर रहे हैं वो उन सारी चीज़ों पर निगाह रखते हैं कि मुसलमान कहां से खा रहा है, कैसे जी रहा है. उन तमाम ज़रियों को बंद करने की नापाक कोशिशें चल रही हैं.'
मौलाना कादरी ने कहा,'मुसलमानों की रोजी रोटी खतरे में है. केंद्र की बीजेपी सरकार मुसलमानों पर नज़र रखने की नापाक कोशिश कर रही है. मंदिर क्यों बन रहा है? मुसलमानों के सिर पर 2025 की तलवार लटक रही है.'
ये सब भड़काऊ बातें एक मस्जिद से की गई. मुसलमानों को डराने का खेल राजस्थान के नागौर जिले में मकराना की सुन्नी जामा मस्जिद से खेला गया. ये डर किसानों के नाम पर फैलाया गया. खास बात ये है कि ये सबकुछ मकराना में राहुल गांधी की 13 फरवरी की रैली के लिए किया गया. मुसलमानों को मोदी सरकार का डर दिखाकर राहुल गांधी की किसान महापंचायत में जुटने की अपील की गई.
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सवाल है कि क्या किसान सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए अब मस्जिदों से फतवा जारी करवाया जाएगा? क्या मस्जिदों से मुसलमानों को डराने की साज़िश हो रही है? किसानों को हिंदू-मुसलमान में बांटने की साजिश क्यों हो रही है? क्या अब राहुल गांधी के लिए भीड़ फतवों से जुटाई जाएगी? मोदी विरोध में क्या यह मस्जिद से डर वाली 'टूलकिट' है?
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी कहते हैं कि धर्म का राजनीति से इस प्रकार का मेल बहुत कलही होता है. कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टी होने का दावा और वादा करती है. उसके द्वारा इस तरह से भीड़ जुटाने का कार्यक्रम निंदनीय, असहनीय और आपत्तिजनक है.