ICMR On Nipah Virus: केरल में निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के बीच आईसीएमआर ने भी चेतावनी जारी की है. इसे कोरोना से भी खतरनाक बताया जा रहा है. यह कोरोना वायरस से ना सिर्फ अधिक संक्रामक है बल्कि मृत्यु दर भी ज्यादा है. इस बीच आईसीएमआर ने ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मंगाने का फैसला किया है.
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Kerala Nipha Virus News: आखिर केरल में निपाह वायरस का खतरा अधिक क्यों है. केरल सरकार के मुताबिक निपाह वायरस में बांग्लादेशी वेरिएंट(nipah virus bangladesh variant) का होना चिंता की बड़ी वजह है. ऐहतियात के तौर पर 14 और 15 सितंबर को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया गया था, लोगों से अनावश्यक यात्रा नहीं करने की अपील भी की जा रही है इन सबके बीच आईसीएमआर ने चेतावनी देते हुए बताया कि निपाह, कोरोना वायरस से भी अधिक खतरनाक है. इन सबके बीच इस आईसीएमआर ने कहा कि वो ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनर एंटीबॉडी के 20 और डोज मंगाने जा रहे हैं.
निपाह को NiV के नाम से भी जाना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन(world health organization) के मुताबिक 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव(sungai nipah village in malaysia) में NiV के बारे में पता चला और इसे निपाह नाम मिला. यह वायरस सूअर और चमगादड़ों की वजह से इंसानों में फैलता है. खास बात यह है कि जब कोई जानवर या इंसान चमगादड़ों के झूठे फलों या सब्जियों को खाता है तो उसके निपाह से संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है. यह बेहद संक्रामक है.
ICMR ने क्या कहा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक निपाह वायरस से मृत्यु दर 40-70% है.
यह कोरोनावायरस से होने वाली मृत्यु दर की तुलना में काफी ज्यादा है।
कोरोना से मृत्यु दर 2-3% है.
इस बीच केरल में निपाह वायरस का एक और संक्रमित मिला है.
इसको मिलाकर यहां कुल संक्रमित लोगों की संख्या 6 हो गई है.
ICMR के मुताबिक इस बीमारी के लिए दी जाने वाली मोनोक्लोनल एंटीबॉडी केवल 10 मरीजों के लिए बची है.
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 खुराक और मंगाई हैं, ताकि संक्रमण की शुरुआत में ही मरीजों को दिया जा सके.
केरल में ही निपाह क्यों
हालांकि ये केरल में क्यों फैलता है इसकी वजह साफ नहीं है. 2018 में पाया गया कि केरल(Nipah virus kerala news) में इसका प्रकोप चमगादड़ों (fruit bats)से संबंधित था लेकिन ये मनुष्यों में कैसे पहुंचा. इस बार फिर भी इसकी जांच की जा रही है. निपाह का खतरा अक्सर बरसात के मौसम में ही होता है. बताया जाता है कि निपाह से संक्रमित व्यक्ति दक्षिण पूर्व के देशों से आया होगा और उसकी वजह से दूसरे लोग प्रभावित हुए होंगे. निपाह का मुख्य केंद्र मलेशिया है अब चूंकि सूअर या चमगादड़ इतनी लंबी दूरी नहीं तय कर सकते लिहाजा संक्रमित व्यक्ति का वहां से केरल आना एक बड़ी संभावित वजह हो सकती है.