गुजरात (Gujarat) में 'लव जेहाद' (Love Jihad) कानून लागू हो गया है. इसके साथ ही वडोदरा में एक आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करके उसे अरेस्ट कर लिया गया है.
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गांधीनगर: गुजरात (Gujarat) में 'लव जेहाद' (Love Jihad) कानून लागू हो गया है. इसे लागू होने के महज तीन दिनों के भीतर वडोदरा में 'गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021' के उल्लंघन का पहला मामला दर्ज किया है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक वडोदरा (Vadodara) के तरसाली इलाके के रहने वाले 25 वर्षीय समीर अब्दुलभाई कुरैशी ने सैम मार्टिन नाम रखकर एक हिंदू महिला से दोस्ती गांठी. इसके बाद उसे झांसे में लेकर शादी कर ली. सच का पता लगने पर 25 साल की एक हिंदू महिला ने समीर कुरैशी के खिलाफ ईसाई होने का झूठा बहाना बनाकर उससे शादी करने की शिकायत दर्ज कराई.
वडोदरा के गोत्री पुलिस स्टेशन के निरीक्षक एसवी चौधरी ने बताया, 'हिंदू महिला ने शिकायत दी है कि उसे कुरैशी ने इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती की. उसने महिला को अपना परिचय सैम मार्टिन नाम के ईसाई के रूप में दिया. महिला ने शिकायत दी कि आरोपी ने उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया था और उन निजी पलों की तस्वीरें भी खींच लीं. आरोपी ने धमकी दी कि अगर उसने उससे शादी नहीं की तो वह उन तस्वीरों को वायरल कर देगा. इसके बाद दोनों 2019 में शादी की थी.'
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वडोदरा के डीसीपी जयराजसिंह वाला ने बताया कि गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम 2021 (Gujarat Freedom of Religion (Amendment) Act 2021) की आईपीसी 376, 377, 504, 506 (2) और खंड (4) के तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के नक्शेकदम पर चलते हुए राज्य में नया संशोधन लाया गया है. यह कानून 1 अप्रैल को गुजरात विधानसभा द्वारा पारित किया गया था और लगभग एक महीने पहले राज्यपाल की सहमति प्राप्त हुई थी. गुजरात में यह कानून 15 जून से लागू हुआ.
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इस संशोधित कानून (Love Jihad) के तहत, शादी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन, किसी व्यक्ति की झूठ बोलकर शादी करवाकर या ऐसी किसी शादी में सहायता करना अपराध है. ऐसे में दोषी सिद्ध होने पर आरोपी को 3-5 साल की सजा और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. अगर मामले में पीड़िता कोई नाबालिग, एससी या एसटी है तो दोषी को 4-7 साल की जेल की सजा और 3 लाख रुपये की न्यूनतम सजा होगी. कानून में यह भी प्रावधान है कि अगर कोई संगठन इस अपराध में शामिल पाया जाता है तो सजा 3-10 साल के बीच होगी.
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