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नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू का कहर जारी है. आज (सोमवार को) दिल्ली में डेंगू से पहली मौत हो गई. केवल अक्टूबर महीने में ही अब तक डेंगू के नए 382 केस सामने आ चुके हैं. साल 2021 में दिल्ली में डेंगू के 723 मामले सामने आए हैं. वहीं चिकनगुनिया के 13 और मलेरिया के 29 केस मिले हैं.
एमसीडी के डेटा के अनुसार, इस महीने डेंगू के सबसे ज्यादा 141 केस साउथ दिल्ली में पाए गए हैं. एमसीडी का कहना है कि मच्छरों को मारने के लिए स्प्रे और फॉगिंग की जा रही है. बारिश की वजह से जहां भी पानी जमा है उसे हटाने का काम किया जा रहा है.
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बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते रविवार को ही दिल्लीवासियों से '10 हफ्ते, 10 बजे, 10 मिनट' अभियान में हिस्सा लेने की अपील की थी. इस अभियान के तहत लोगों को रविवार के दिन सुबह 10 बजे 10 मिनट तक अपने घर में और आसपास जमे हुए पानी को हटाना होता है. इससे और मच्छर पैदा नहीं होंगे और बीमारी के फैलने का खतरा कम होगा.
गौरतलब है कि डेंगू के बुखार के लक्षण साधारण बुखार से काफी मिलते-जुलते हैं. डेंगू में मरीज को बुखार के साथ सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, जी मचलाना, उल्टी लगना और त्वचा में चकत्ते पड़ने की समस्या होती है. इसके अलावा 104 फारेनहाइट डिग्री तक बुखार आ जाता है. ये लक्षण दिखने तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
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बता दें कि डेंगू चार वायरसों की वजह से होता है. इनके नाम डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4 हैं. जब मच्छर पहले से संक्रमित शख्स को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में चला जाता है. इसके बाद जब ये मच्छर किसी स्वस्थ शख्स को काटता है तो वायरस खून से होते हुए उसके शरीर में पहुंच जाता है और वो डेंगू से बीमार हो जाता है.
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