Satish Kaushik Death Investigation: सतीश कौशिक बुधवार रात दिल्ली के बिजवासन में एक फार्महाउस में थे, जब उनकी तबीयत खराब होने लगी और उन्हें गुरुग्राम के एक अस्पताल में ले जाया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार अस्पताल पहुंचने तक उसकी मौत हो चुकी थी.
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Satish Kaushik News: अभिनेता और निर्दशक सतीश कौशिक के निधन पर दिल्ली पुलिस की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पश्चिम दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 66 वर्षीय अभिनेता की मौत की प्रारंभिक जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं निकला है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने कहा कि ऑटोप्सी रिपोर्ट मौत के कारण और समय के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करेगी.
सतीश कौशिक कल रात दिल्ली के बिजवासन में एक फार्महाउस में थे, जब उनकी तबीयत खराब होने लगी और उन्हें गुरुग्राम के एक अस्पताल में ले जाया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार अस्पताल पहुंचने तक उसकी मौत हो चुकी थी.
जानकारी जुटा रही दिल्ली पुलिस
दिल्ली अब भी जानकारी जुटाने में लगी है जैसे दिन के समय वह कहां थे. पुलिस को यह भी जानना चाहती है कि बिजवासन के फार्महाउस में वह कब अस्वस्थ महसूस करने लगे. उन्हें गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका.
चूंकि मरीज दिल्ली से आया था, इसलिए अस्पताल ने दिल्ली पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल भेज दिया. आज सुबह पोस्टमॉर्टम किया गया और शव कौशिक के परिवार को सौंप दिया गया.
अस्पताल लेकर जाने वालों के संपर्क में पुलिस
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस उन लोगों के भी संपर्क हैं जो कि सतीश कौशिक की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल लेकर गए थ. कौशिक को अस्पताल पहुंचाने वालों में उनके मैनेजर संतोष राय भी हैं. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘वह रात 10.30 बजे सो गए. लगभग 12.10 बजे उन्होंने सांस फूलने की शिकायत करते हुए मुझे फोन किया.’
हरियाणा में हुआ था जन्म,
हरियाणा में जन्मे सतीश कौशिक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के छात्र थे. उन्हें ‘जाने भी दो यारों’, ‘राम-लखन’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘भारत’, ‘छलांग’, ‘उड़ता पंजाब’ जैसी फिल्मों में निभाए उनके किरदारों के लिए काफी सराहना मिली.
कौशिक ने 1983 में आई फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ के संवाद लिखे और पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘कागज़’ (2021) की कहानी भी लिखी.
हास्य अभिनेता के तौर पर हुए मशहूर
हास्य अभिनेता के तौर पर भी कौशिक ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी. वह एक फिल्म निर्देशक भी थे. उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा. कौशिक ने ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ ‘हमारा दिल आपके पास है’, ‘बधाई हो बधाई’, ‘तेरे नाम’ और ‘मुझे कुछ कहना है’ जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया.
‘किसी का भाई किसी की जान’ और ‘इमरजेंसी’ उनकी आने वाली फिल्मों में शामिल है. वह ओटीटी (ओवर द टॉप) मंच ‘डिज़्नी प्लस हॉटस्टार’ की वेब सीरीज ‘पॉपकौन’ में भी नजर आएंगे.
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