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नई दिल्ली: नए आईटी नियमों (New IT Rules) को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. व्हाट्सऐप (WhatsApp) के बाद अब गूगल (Google) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की है. इस पर कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा. मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.
गूगल (Google) ने नए आईटी नियमों (IT Rules) का विरोध करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर की और कहा कि नए रूल्स उस पर लागू नहीं होते हैं. याचिका में गूगल ने कहा कि वह एक सर्च इंजन है, ना कि एक सोशल मीडिया कंपनी इसलिए नए आईटी नियम उस पर लागू नहीं होते हैं.
गूगल (Google) के तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट में पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि गूगल सर्च इंजन है, कोई सोशल मीडिया नहीं है. इसलिए 2021 आईटी नियम (IT Rules) के अंतर्गत नहीं आते हैं. कोई गूगल पर ये आरोप नहीं लगा सकता कि हम 24 घंटे में फोटोग्राफ नहीं हटाए. हरीश साल्वे ने कोर्ट में ये भी कहा कि कुछ कंटेंट इंडिया में ओफ्फन्सीव हो सकते है, लेकिन दुसरे देशों में वो जायज होते हैं, इसलिए ग्लोबली नहीं हटाए जा सकते है.
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बता दें कि इससे पहले व्हाट्सऐप (WhatsApp) ने पिछले सप्ताह दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि भारत सरकार बुधवार से लागू होने वाली अपनी नई पॉलिसी पर रोक लगाए, क्योंकि इससे प्राइवेसी खत्म हो रही.
सरकार और व्हाट्सऐप के बीच विवाद नए आईटी नियमों (IT Rules) की वजह से चल रहा है. दरअसल, 21 फरवरी 2021 को भारत सरकार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन लेकर आई और इन्हें लागू करने के लिए 25 मई तक का समय दिया. नए नियमों के अनुसार, व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी है. यानी अगर कोई गलत या फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था.
नए नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. इसके लिए कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना होगा. ये अधिकारी भारत के ही रहने वाले होने चाहिए और इनका कॉन्टेक्ट नंबर सोशल मीडिया वेबसाइट के अलावा ऐप पर होना अनिवार्य है, ताकि लोग शिकायत कर सकें. इसके साथ ही अधिकारियों के लिए शिकायत का अपडेट देने के लिए 15 दिनों समयसीमा भी तय की गई है. कंपनियों को पूरे सिस्टम पर नजर रखने के लिए स्टाफ रखने को कहा गया है.
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