कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि रिटायमेंट के बाद किसी भी प्रकाशन से पहले इन विभागों के कर्मचारियों को अपने HOD से अनुमति लेनी होगी.
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके कर्मचारियों के लिए नया नियम लागू किया है. इस नियम के तहत खुफिया और सुरक्षा संबंधी विभागों से जुड़े रहे रिटायर्ड कर्मचारियों को अब किसी भी प्रकाशन यानी कि लेख या किताब लिखने से पहले अपने मूल विभाग के प्रमुख से इजाजत लेनी होगी.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि रिटायमेंट के बाद किसी भी प्रकाशन से पहले इन विभागों के कर्मचारियों को अपने HOD से अनुमति लेनी होगी. किसी भी तरह की संवेदनशील सूचना को अब अपनी मर्जी से प्रकाशित नहीं किया जा सकता, उसकी जांच होना जरूरी हो गया है.
No Government servant, who has worked in any Intelligence or Security-related organisation shall make any publication after retirement without prior clearance from the head of organisation: Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions pic.twitter.com/Oz3sUf9CjY
— ANI (@ANI) June 2, 2021
केंद्र सरकार की ओर से 31 मई को जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि विभाग से जुड़ी किसी जानकारी, किसी व्यक्ति के पद या उससे जुड़ी सूचना के अलावा विभाग में रहने के दौरान ज्ञात जानकारी या विशेषताओं के बारे में प्रकाशन से पहले उस विभाग के प्रमुख की अनुमित लेनी पड़ेगी. यह आदेश 31 मई के गजट के साथ ही लागू हो गया है.
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आदेश के मुताबिक विभाग के प्रमुख के पास किसी भी लेख या किताब को लेकर यह तय करने का अधिकार होगा कि सामग्री संवेदनशील है या नहीं. एक फॉर्म 26 अंडरटेकिंग के तौर पर कर्मी को देना होगा. इसमें कहा गया है कि अगर रिटायरमेंट के बाद वह अंडरटेकिंग की शर्तों को तोड़ते हैं तो उनकी पेंशन भी रोकी या वापस ली जा सकती है.
ये नियम उन कर्मियों पर लागू होते हैं जो खुफिया विभाग (आईबी), अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ), राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, विमानन अनुसंधान केंद्र, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आदि से रिटायर्ड हैं.
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