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नई दिल्ली: सरकार (Government) ने कोविड-19 (Covid-19) के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए प्रक्रिया जारी की है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Women and Child Development Ministry) ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर कहा है कि सोशल मीडिया पर कई ऐसे मैसेज फैलाए जा रहे हैं, जिनमें लोगों ने कोविड के कारण अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को गोद लेने की पेशकश की है.
मंत्रालय ने लोगों को कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले ऐसे कृत्यों में शामिल होने या उन्हें बढ़ावा देने से बचने की सलाह दी है. साथ ही मंत्रालय ने इन बच्चों के पुनर्वास के लिए कानून प्रक्रिया तय कर दी. मंत्रालय ने कहा है कि जिन बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपने माता और पिता, दोनों को खो दिया है, उन्हें जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने 24 घंटे के अंदर पेश किया जाएगा. इसमें यात्रा का समय शामिल नहीं है.
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मंत्रालय ने सार्वजनिक नोटिस में कहा है, 'समिति बच्चे की तत्काल जरूरतों का पता लगाएगी और बच्चे के पुनर्वास के लिए उचित आदेश पारित करेगी. समिति या तो बच्चे को देखभाल करने वालों को ही सौंप देगी या मामला-दर-मामला उसे संस्थागत या गैर-संस्थागत देखभाल में रखने के लिए आदेश देगी.'
मंत्रालय ने कहा कि जहां तक संभव हो बच्चों को उनके परिवार और सामुदायिक वातावरण में रखने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही उनकी सुरक्षा और हितों की रक्षा सुनिश्चित की जाएगी. मंत्रालय के मुताबिक, यदि बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी रिश्तेदार को दी जाती है, तो समिति नियमित रूप से जांच करेगी कि बच्चा ठीक है या नहीं.
मंत्रालय ने राज्य सरकारों से उन असाधारण मामलों में बातचीत के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने की सलाह दी है, जहां कोविड-19 के कारण मौजूदा परिस्थितियों में व्यक्तिगत रूप से संपर्क करना संभव नहीं है. मंत्रालय ने यह कहा है कि माता-पिता दोनों को खोने वाले किसी भी बच्चे की जानकारी चाइल्डलाइन (1098) के साथ साझा की जा सकती है.
मंत्रालय ने कहा कि जो लोग अनाथ बच्चों को गोद लेना चाहते हैं, वे सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथोरिटी से संपर्क कर सकते हैं.