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नई दिल्ली : देश के कुछ हिस्सों में चर्च पर हमले के मुद्दे पर आज लोकसभा में विपक्ष एवं सत्तापक्ष के बीच तकरार की स्थिति देखने को मिली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के प्रहार की धार को कुंद करने का प्रयास करते हुए कहा कि वह सदन में विस्तृत बयान पेश करने को तैयार हैं ताकि यह पता चल सके कि किसके शासनकाल में चर्च या अन्य धर्मावलम्बियों के धार्मिक स्थलों पर कितनी बार हमले हुए।
राजनाथ ने कहा, ‘अगर आपकी इजाजत होगी तो मैं कभी भी इस संबंध में सदन में विस्तृत बयान के साथ आ सकता हूं और मैं यह बता सकता हूं कि पहले यहां कितनी सम्प्रदायिक घटनाएं घटित हुई हैं। कितनी बार चर्च या अन्य धर्मावलम्बियों के धार्मिक स्थलों पर कितनी बार हमले हुए, उसकी जानकारी मैं संसद को दे सकता हूं ताकि सारा देश इससे अवगत हो सके कि इस प्रकार की घटनाएं किसके शासनकाल में सर्वाधिक होती हैं।’’ गृह मंत्री ने कहा कि देश में किसी स्थान पर कथित साम्प्रदायिक हिंसा की घटना को संसद में बार बार उठाने का ‘‘जानबूझकर प्रयास’’ किया जा रहा है। ससंद में मुद्दे को उठाने के ‘जानबूझकर प्रयास’ पर उनकी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस, आईयूएमएल और वाम दलों ने वाकआउट किया।
राजनाथ सिंह सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में चचरे पर बढ़ते हमलों के विषय पर व्यक्त की गई चिंता पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। वेणुगोपाल ने कहा, ‘अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया जाना आए दिन की बात हो गई है.. यह खतरनाक चलन है’ उन्होंने खेद प्रकट किया कि यह ऐसे समय में हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया है।’ वेणुगोपाल ने हिन्दू महासभा के एक महासचिव के कुछ विवादास्पद बयानों का भी जिक्र किया।