गुरेज घाटी बनी सही मायनों में 'जन्नत का दरवाजा', जानें कैसे खत्म हुआ बंदूकों का शोर
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गुरेज घाटी बनी सही मायनों में 'जन्नत का दरवाजा', जानें कैसे खत्म हुआ बंदूकों का शोर

जन्नत का दरवाजा कही जाने वाली जम्मू-कश्मीर की गुरेज घाटी (Gurez Valley Of Jammu And Kashmir) में कभी सिर्फ बंदूकों का शोर गूंजता था. लेकिन अब इस घाटी में आपको खेल-कूद, लोगों के मुस्कुराते चेहरे और तनावमुक्त वातावरण (Stress Free Environment) देखने को मिलेगा.

गुरेज घाटी : 'जन्नत का दरवाजा'

जम्मू: बंदूकों से खेल के मैदान तक सीमावर्ती घाटी गुरेज (Border Valley Gurez) में लोगों के पास बताने के लिए अलग-अलग किस्से कहानियां हैं. नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) की बंदूकें खामोश होने के बाद खेल और विकास के प्रति प्रेम बढ़ता हुआ दिखाई देता है. ग्रामीणों (Villagers) के जीवन को सुखमय और आरामदायक बनाने में भारतीय सेना (Indian Army) बहुत सहायक सिद्ध हो रही है.

  1. युद्ध का मैदान बदला खेल के मैदान में
  2. बंदूकों की आवाज से लोगों को होता था तनाव
  3. सीजफायर से मिली सफलता

घाटी में होती है भारी बर्फबारी

एलओसी (LoC) से सटी गुरेज घाटी में लोग दशकों से बंदूकों (Guns) के साये में जीवन बिता रहे हैं लेकिन अब यहां लोगों के पास खुश होने के अलग-अलग कारण हैं. श्रीनगर (Srinagar) से 174 Km दूर ये घाटी भारी बर्फबारी (Snowfall) के कारण सर्दियों में बाकी दुनिया से कट जाती है. बता दें कि एक साल के दौरान 4-5 महीने यहां जाने का रास्ता बंद रहता है. अधिकांश परिवार सर्दियों (Winters) के दौरान गुरेज से बाहर चले जाते हैं और जो लोग वहां रहते हैं वे महीनों तक फंसे रहते हैं.

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पर्यटन को दिया बढ़ावा

इस घाटी में सर्दियों में तापमान (Temperature) शून्य से 20 डिग्री नीचे गिर जाता है. बर्फ का जमाव 5-10 फीट तक हो जाता है. सर्दियों के दौरान स्थानीय लोग बेरोजगार (Unemployed) रहते हैं और खुद को घर के अंदर तक ही सीमित रखते हैं. लेकिन इस साल घाटी में पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन द्वारा गुरेज (Gurez) में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे जिसके परिणामस्वरूप पिछले साल 343 पर्यटकों की तुलना में 15,000 से ज्यादा पर्यटकों ने इस घाटी का दौरा किया.

स्नो क्रिकेट टूर्नामेंट ने खींचा सबका ध्यान

हाल ही में भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा गुरेज (Gurez) के दावर में एक स्नो क्रिकेट टूर्नामेंट (Snow Cricket Tournament) का आयोजन किया गया जिसमें गुरेज घाटी की 10 से ज्यादा टीमों ने भाग लिया. 12 दिन तक चलने वाला यह टूर्नामेंट माइनस 10 डिग्री तापमान में बर्फ से ढके मैदान पर खेला गया. गुरेज के क्रिकेट वीडियोज (Videos) सोशल मीडिया (Social Media) पर ट्रेंड (Trend) कर रहे हैं. गुरेज में स्नो क्रिकेट ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मार्नस लाबुस्चगने (Australian Batsman Marnus Labuschagne) का भी ध्यान खींचा जिन्होंने इसके बारे में ट्वीट (Tweet) कर कहा, 'यह कितना अच्छा है'.

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शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील

इस कार्यक्रम में समर्थकों की भारी भीड़ ने अपनी पसंदीदा टीमों (Teams) का उत्साह बढ़ाया और बीसीसीआई (BCCI) और जेके टूरिज्म (JK Tourism) से इस तरह के और आयोजन करने और गुरेज में शीतकालीन पर्यटन (Winter Tourism) को बढ़ावा देने की अपील की. स्थानीय लोग बताते हैं कि सीज फायर (Cease Fire) से यहां के लोगों को बहुत फायदा हुआ है. खेल आयोजनों, स्कीइंग (Skiing) और क्रिकेट को बढ़ावा मिलने से लोग खुश हैं. 

विंटर फेस्टिवल आयोजन की मांग

स्थानीय लोग प्रशासन से विंटर फेस्टिवल (Winter Festival) कराए जाने की गुजारिश करते हैं जिससे यहां के लोगों को भी फायदा होगा. बता दें कि सेना ने गुरेज (Gurez) में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जश्न-ए-गुरेज शीतकालीन कार्निवल (Jashn-e-Gurez Winter Carnival) भी आयोजित किया है. यह गुरेज के युवाओं (Youth) को अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें ड्रग्स (Drugs) और अन्य बुराइयों से दूर रखने में मददगार साबित होगा.

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गुरेज का एलओसी से लव ऑफ स्पोर्ट्स का सफर

गुरेज में एलओसी (LoC) से लव ऑफ स्पोर्ट्स (Love Of Sports) का माहौल बन गया है. गुरेज विशाल पर्यटन क्षमता (Huge Tourism Potential) के साथ एक युद्ध क्षेत्र (Battle Field) से एक सुरक्षित क्षेत्र (Safe Zone) के रूप में उबर रहा है. साल 2020 में दो देशों के डीजीएमओ (DGMO) द्वारा युद्धविराम (Ceasefire) का आह्वान किए जाने के बाद से गुरेज और अन्य एलओसी क्षेत्रों और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सेनाओं के बीच तनाव (Tension) काफी कम हो गया है. पर्यटन विभाग भी सीमावर्ती पर्यटन को खोलने की योजना बना रहा है. बता दें कि कश्मीर पर्यटन विभाग (Kashmir Tourism Department) द्वारा तैयार की गई सूची में गुरेज प्रमुख स्थान पर है.

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