वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का आज 61वां जन्मदिन है, इस मौके पर उन्हें देश और दुनिया से ढेरों बधाइयां मिल रही हैं. एक पार्टी प्रवक्ता से लेकर देश के वित्त मंत्री बनने तक का उनका सफर सही मायनों में प्रेरणादायक है.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का आज 61वां जन्मदिन है. इस मौके पर उन्हें देश और दुनिया से ढेरों बधाइयां मिल रही हैं. सेल्स गर्ल से लेकर देश के वित्त मंत्री बनने तक का उनका सफर सही मायनों में प्रेरणादायक है. ये बेहद रोमांचित करने वाला है कि कैसे एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मी लड़की अपनी मेहनत के दम पर देश की वित्त मंत्री बन जाती है. निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला हैं जो फुल टाइम वित्त मंत्री है. इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास 1970-71 के दौरान वित्त मंत्रालय का पोर्टफोलियो था, लेकिन अतिरिक्त प्रभार के तौर पर. अब यहां हम आपको बताने जा रहे हैं निर्मला सीतारमण की जिंदगी और उनके फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी, जिसे जानकर आपको भी जरूर प्रेरणा मिलेगी
निर्मला सीतारमण का शुरुआती जीवन
निर्मला सीतारमण का जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में एक मध्यम वर्गीय परिवार में 18 अगस्त 1959 को हुआ था. उनके पिता नारायण सीतारमण रेलवे में काम करते थे. उनकी माता का नाम था सावित्री सीतारमण एक हाउस वाइफ थीं. उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई चेन्नई और तिरुचिरापल्ली में हुई. 1980 में उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बैचलर की डिग्री हासिल की. इसके बाद निर्मला सीतारमण दिल्ली आईं और उन्होंने ने 1984 में JNU से इकॉनॉमिक्स में मास्टर्स की डिग्री ली.
लंदन में की सेल्सगर्ल की नौकरी
JNU में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात पराकला प्रभाकर से हुई, जिनके परिवार में कई कांग्रेस के नेता थे. उनके पति प्रभाकर ने आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे चंद्र बाबू नायडू के लिए कम्यूनिकेशंस एडवाइजर के तौर पर भी काम किया था. 1986 में उन्होंने पराकला प्रभाकर से शादी कर ली और लंदन चली गईं. लंदन आकर उन्होंने प्राइस वाटरहाउस (Price Waterhouse) में रिसर्च एंड एनालिसिस में सीनियर मैनेजर के तौर पर काम किया. लेकिन PwC में नौकरी करने से पहले उन्होंने कुछ दिन तक लंदन के रीजेंट स्ट्रीट में एक होम डेकोर स्टोर में सेल्स गर्ल का भी काम किया. 1919 में वो भारत लौट आईं. उन्होंने कुछ समय तक हैदराबाद में पब्लिक पॉलिसी में डिप्टी डायरेक्टर को भी संभाला. लंदन में BBC वर्ल्ड के साथ भी उन्होंने काम किया.
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
उनके पति प्रभाकर और परिवार हालांकि कांग्रेस समर्थक थे, फिर भी उन्होंने 2006 में बीजेपी को ज्वाइन किया. उनका राजनीतिक करियर काफी तेजी से बढ़ा, सिर्फ चार साल के अंदर ही 2010 में उस समय के बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने निर्मला सीतारमण को बीजेपी का प्रवक्ता बनाया. इस रोल में उन्हें पार्टी की खूब वाहवाही मिली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके काम को सराहा. आंध्र प्रदेश से उन्हें राज्य सभा सदस्य भी बनाया गया. स्पष्ट और स्नेहपूर्ण बात करने के उनके अंदाज में पार्टी में उनका कद बढ़ता चला गया. 2014 के लोकसभा चुनावों में उनको अहम रोल दिए गए. उनकी मेहनत और लगन का ईनाम उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह के रूप में मिला. मई 2014 में उन्हैं कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
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राजनीतिक सफलताएं
वो राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं. 2017 में उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया. वो देश की पहली महिला हैं जिन्होंने फुल टाइम रक्षा मंत्री के पद को संभाला है. इसके पहले इंदिरा गांधी ने रक्षा मंत्री का अतिरिक्त प्रभार लिया था. इस वक्त वो देश की पहली महिला वित्त मंत्री हैं जिन्होंने फुल टाइम इस पोर्टफोलियो को संभाला है. इसके पहले इंदिरा गांधी के पास ये अतिरिक्त प्रभार के तौर पर था. इसके पहले वो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं. उन्होंने राज्य मंत्री के तौर पर वित्त और कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय में भी काम किया है.
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