केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि उनकी बेटी डॉक्टर है. जिसने कोरोना काल में मरीजों की लगातार सेवा की है और अब भी कर रही है.
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नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि उनकी बेटी डॉक्टर है. जिसने कोरोना काल में मरीजों की लगातार सेवा की है और अब भी कर रही है.
संसद में बोलते हुए मांडविया ने कहा, 'मंत्री होने से पहले मैं एक पिता हूं. मेरी बेटी डॉक्टर है. उसने इंटर्न डॉक्टर के रूप में कोविड (Coronavirus) वार्ड में काम किया है. उसने मुझे कहा कि वह इसी वार्ड में लोगों की सेवा करेगी और वह तब से पीड़ितों की सेवा में जुटी है. जब बेटी ने मुझसे यह बात कही, तब मुझे थाली-ताली की अहमियत गंभीरता से महसूस हुई. जिसने लोगों में इस महामारी से लड़ने के लिए हिम्मत दी.'
Before being a minister, I'm a father. My daughter worked as an intern doctor in COVID ward. She told me that she would work in that ward itself and she continued. At that time I realised the importance of 'thaali-taali', it gave us courage: Health Minister Mansukh Mandaviya pic.twitter.com/dN773seDjc
— ANI (@ANI) July 20, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) ने कहा, ‘जब दुनिया में यह महामारी फैल रही थी, उस वक्त जांच के लिए हमारे पास केवल एक प्रयोगशाला थी, हमारे पास पीपीई किट नहीं थे. तब महामारी से निपटने की तैयारी करने के लिए और वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया था. तब दूसरे देशों से हमारे पास दवाओं के लिए मांग आई और हमारे यहां से 64 देशों को दवाएं भेजी गईं और हमने देश पर गौरव किया था.’
मौत के आंकड़े छिपाने के आरोप को सिरे से नकारते हुए मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा ‘ये आंकड़े छिपाने का कोई कारण नहीं है. मृत्यु के मामलों का पंजीकरण राज्यों में होता है. राज्य से आंकड़े आने के बाद उन्हें कम्पाइल (संकलित) कर केंद्र प्रकाशित करता है. केंद्र ने किसी भी राज्य को आंकड़े कम बताने के लिए नहीं कहा. ’
उन्होंने कहा कि सीरम इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया के टीके की 11 से 12 करोड़ खुराक मिलने लगी है. भारत बायोटेक का उत्पादन भी बढ़ रहा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘भारत बायोटेक से हमने उत्पादन की इच्छुक कपंनियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करने के लिए कहा. यह प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही इसके अच्छे नतीजे भी मिलेंगे.’
मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा कि महामारी (Coronavirus) की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है. उन्होंने बताया, ‘रेमडेसिविर दवा बनाने वाले संयंत्रों की संख्या बढ़ाई गई है. पहले इसके 20 संयंत्र थे जो रेमडेसिविर दवा बनाते थे. आज ऐसे 62 संयंत्र हैं. उनकी उत्पादन क्षमता साढ़े तीन से चार लाख तक पहुंच चुकी है. ब्लैक फंगस की समस्या से निपटने के लिए आज देश में दस संयंत्र एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन का उत्पादन किया जा रहा है और विदेशों से एम्फोटेरेसिन 13 लाख शीशियां हमने आयात की.’
मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा, ‘देश के सभी बड़े अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं. सरकार, एनजीओ, विभिन्न कंपनियां, राज्य सरकारों की भी इनमें भागीदारी है. बहरहाल, केंद्र सरकार ने 1,573 लगाने की योजना बनाई, इनमें से 316 संयंत्र चालू हो चुके हैं और अगस्त तक शेष संयंत्र भी काम शुरू कर देंगे. चार करोड़ चार लाख से अधिक ऑक्सीजन सिलिंडरों की व्यवस्था की जा रही है. इसी तरह वेंटीलेटर ओर अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं.’
उन्होंने कहा कि 23 हजार करोड़ रुपये का एक पैकेज घोषित किया गया है. जिससे इस महामारी से निपटने के लिए अवसंरचना और आवश्यक संसाधन जुटाए जा सकें. राज्यों से योजनाएं इस संबंध में योजनाएं मांगी गई हैं.’
उन्होंने कहा कि अभी हर दिन 50 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है और टीकों की उपलब्धता बढने के साथ साथ यह संख्या भी बढ़ती जाएगी. मांडविया ने कहा, ‘भारत की दो कंपनियां बच्चों की वैक्सीन के लिए ट्रायल कर रही हैं. जायडस कैडिला ने इसे लेकर परीक्षण शुरू कर दिया है. भारत बायोटेक कंपनी ने भी यह परीक्षण शुरू कर दिया है. ’ उन्होंने उम्मीद जताई कि इन परीक्षणों के सफल होने पर बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा.
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यदि कोरोना (Coronavirus) की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों को देखा जाए तो अगली लहर में बच्चों को लेकर बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं है. फिर भी सरकार सारी तैयारी कर रही है.
उन्होंने कहा कि कैडिला कंपनी डीएनए आधारित टीके के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है. उसने आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी हासिल करने के लिए औषधि महानियंत्रक के समक्ष अंतरिम आंकड़े प्रस्तुत किए हैं. अगर यह टीका बाजार में आ जाता है तो भारत दुनिया का ऐसा पहला देश होगा, जिसके पास कोविड-19 महामारी (Coronavirus) से बचाव के लिए डीएनए आधारित टीका होगा.
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