दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने ऑक्सीजन सप्लाई की किल्लत पर शुरू हुई स्वत: संज्ञान की कार्यवाही बंद कर दी है. इससे पहले कोर्ट में राजस्थान और दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई पर अपने-अपने तर्क रखे.
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नई दिल्ली: दिल्ली में ऑक्सीजन (Oxygen) सप्लाई के लिए भेजे जा रहे ट्रकों को रोके जाने पर केंद्र, राजस्थान और दिल्ली के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति बन गई है. राजस्थान सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में हुई सुनवाई में कहा कि उसने दिल्ली की ओर जा रहे ऑक्सीजन के कोई ट्रक नहीं रोके.
राजस्थान सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऑक्सीजन (Oxygen) सिलेंडरों से भरे ट्रक रोके जाने के केंद्र सरकार के आरोप गलत हैं. राजस्थान सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है और न ही ऐसी कोई घटना सामने आई है.
अभिषेक मनु सिंघवी की बात सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि वह अभी इस मामले की सुनवाई नहीं कर रहा है. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह केवल कोर्ट के संज्ञान में यह बात लाना चाहते थे. इसलिए यह बात बताई.
उधर दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट (Delhi High Court) को बताया कि उसने होटल के 100 बेड अटैच करने के आदेश को वापस ले लिया है. कोर्ट ने कहा कि उसने इस बात को रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है. इसके बाद कोर्ट ने ऑक्सीजन (Oxygen) के मसले पर शुरू हुई स्वत: संज्ञान कार्यवाही बंद कर दी.
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बताते चलें कि दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों की विकट स्थिति को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने खुद ही संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी. कोर्ट ने ऑक्सीजन (Oxygen) सप्लाई में रुकावट की खबरों पर कड़ा रुख अपनाया था. कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि जो लोग इस सप्लाई में रुकावट बन रहे हैं, उनके नाम बताए जाएं. वे उन्हें उल्टा टांग देंगे.
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