पत्तों की तरह आसमान से गिरने लगे चमगादड़, इंसान तो इंसान... क्यों जानवरों की भी अब जाने लगी जान?
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पत्तों की तरह आसमान से गिरने लगे चमगादड़, इंसान तो इंसान... क्यों जानवरों की भी अब जाने लगी जान?

भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों ने ऐसा कहर बरपाया है कि इंसान, पशु और पक्षी सभी की जिंदगी बेहाल हैं. इंसान तो घर में रहकर खुद की हिफाजत तो कर ले रहा, लेकिन बेजुबान पशु-पक्षी तो इस गर्मी में दम तोड़ दे रहे हैं. 

पत्तों की तरह आसमान से गिरने लगे चमगादड़,  इंसान तो इंसान... क्यों जानवरों की भी अब जाने लगी जान?

मई के आखिरी दिनों में गर्मी ने ऐसा अपना रंग दिखाया कि हर इंसान परेशान हो गया. इंसान तो इंसान पशु और पक्षी भी इन दिनों गर्मी से झुलस रहे हैं. सड़कों पर अघोषित कर्फ्यू का नजारा है, क्योंकि आसमान से अंगारे बरस रहे हैं. हर तरफ त्राहिमाम मचा है. इस सबके बीच इंसान तो दिन में घरों में रहता है, सबसे मुश्किल बेजुबान पशु-पक्षी और जानवरों को है. गर्मी इतनी है कि इंसानों के साथ जानवरों की मौत हो रही है. ताजा मामला झारखंड के चतरा जिले का है, जहां गर्मी के प्रकोप से खूब सारे चचमगादड़ों की मौत हो गई, लेकिन वहीं दूसरी तरफ बुलंदशहर में बेहोश पड़े बंदर की CPR देकर बचाई गई है. 

50 चमगादड़ों की मौत
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के चतरा जिले में गर्मी से चमगादड़ों की मौत होने की सूचना सामने आई है. बताया जा रहा है कि पिछले दो दिनों में गर्मी इतनी तेज हो गई कि पशु-पक्षी की मौत होने लगी है. चतरा जिलें में मंगलवार को तापमान लगभग 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया. जिसकी वजह से जिले के पत्थलगड्डा में भी प्रचंड गर्मी के प्रकोप में आने से 50 से अधिक चमगादड़ों के मौत की खबर है.

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पेड़ से गिर रहे थे चमगादड़
वहीं इस मामले की जानकारी जब विन विभाग टीम को मिली, तो पत्थलगड्डा के उस जगह पर पहुंचकर टीम ने जांच की और दम तोड़ चुके चमगादड़ों को गड्ढे खुदवा कर दफनाने का काम किया है. पत्थलगड्डा  में मंगलवार के बाजार में नियमित रूप से आने वाले किसान महेश महतो ने इस बात की जानकारी दी, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मंगल बाजार में सरकारी मिडिल स्कूल के पास पेड़ों से चमगादड़ों को गिरते हुए देखा है.  प्रभागीय वन अधिकारी मुकेश कुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इन्हें (चमगादड़ों) को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. बताया कि इस घटना से बहुत दुख है.

गर्मी से झुलस कर मर रहे पक्षी
वन विभाग की टीम लगातार इन्हें बचाने में जुटी है. जानकारी के अनुसार, कई जगहों पर ग्रामीण पेड़ से गिर रहे चमगादड़ों को पानी पिलाते हुए उन सबकी जान बचाने का प्रयास कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि अबतक कई सौ चमगादड़ की मौत हो चुकी है वहीं पेड़ों पर बचे कुछ चमगादड़ गर्मी की तपिश और प्यास की वजह से नीचे गिरकर तड़प रहे हैं. 

CPR देकर बंदर की जान बचाई
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बंदर के बच्चे के लिए पुलिसकर्मी देवदूत बनकर आया. भीषण गर्मी के कारण एक बंदर का बच्चा बेहोश हो गया. उसे डिहाइड्रेशन की समस्या थी. पुलिसकर्मी ने उसे सीपीआर देकर उसकी जान बचाई. दरअसल, छतारी पुलिस स्टेशन के हेड कांस्टेबल विकास तोमर ने जब बंदर के बच्चे को जमीन पर गिरा बेहोश देखा तो बंदर के हार्ट की पंपिंग की और उसे पानी पिलाया. सिपाही की इस अलर्टनेस से बंदर के बच्चे की जान बच गई और वह होश में आ गया. जब तोमर ने बंदर की जान बचाने की कोशिश की तो किसी ने उनका वीडियो बना लिया. इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.जिसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने पुलिसकर्मी की खूब तारीफ कर रहे हैं.

हीट स्‍ट्रोक से जा रही जान
उत्तर भारत के कई राज्यों में पारा 45 डिग्री से अधिक बना हुआ है. तेज गर्मी के कारण हीट स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं. अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. तापमान के बढ़ने से हीट स्ट्रोक आ रहा है. बीते कुछ दिनों में राजस्थान से लेकर दिल्ली और अन्य प्रदेशों में हीट स्ट्रोक से मौतें हुई हैं. 

जानवरों की क्यों हो रही मौत
चमगादड़ों के मौत के संबंध में वन विभाग के रेंजर ने बताया कि "मामले की सूचना मिली है, इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को देकर जांच कराई जाएगी." वहीं, पशु चिकित्सक सीपी माहेश्वरी ने बताया कि "हीट वेव के कारण चमगादड़ की मौत हो सकती है. आजकल हवा बहुत गर्म चल रही है, इसलिए चमगादड़ सर्वाइव नहीं कर पा रहे. 

तापमान सहने की चमगादड़ में क्षमता नहीं
पर्यावरणविद के मुताबिक चमगादड़ों के पंख नहीं झिल्ली होती है. वे अधिक तापमान नहीं सह पाते हैं. इसलिए भीषण गर्मी सहन नहीं कर पा रहे हैं.

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