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बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट में हिजाब विवाद पर सुनवाई जारी है. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ने कहा कि हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है. बता दें कि 14 फरवरी से लगातार बड़ी बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है. इससे पहले कोर्ट में छात्राओं की तरफ हिजाब के पक्ष में दलीलें दी गईं थीं.
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट में गुरुवार को एक नई याचिका दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि हिजाब पर रोक कुरान पर प्रतिबंध लगाने के समान है. बता दें कि हिजाब पर विवाद दिसंबर से जारी है. कर्नाटक के उडुपी जिले की छह छात्राओं ने हिजाब को लेकर आवाज उठाई थी. जिसके बाद छात्राओं ने हाई कोर्ट का रुख किया था. कर्नाटक हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई भी धार्मिक प्रतीक पहनकर स्कूल जाने पर अस्थाई रोक लगा दी है.
इससे पहले हुई सुनावाई के दौरान मुस्लिम छात्राओं ने कर्नाटक हाई कोर्ट में कहा था कि शुक्रवार और पवित्र माह रमजान के दौरान उन्हें हिजाब पहनने की इजाजत दी जाए.
कर्नाटक सरकार ने गुरुवार कहा था कि हिजाब पर विवाद राज्य के केवल आठ हाई स्कूल और प्री यूनिविर्सटी कॉलेज तक सीमित है. सरकार ने उम्मीद जताई है कि मामले का समाधान जल्द कर लिया जाएगा.कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने गुरुवार को कहा था कि '75,000 स्कूल एवं कॉलेज में से 8 कॉलेज में ही यह समस्या है. इसका समाधान जल्द कर लिया जाएगा. उन्होंने खुशी जताई थी कि छात्र-छात्राओं ने सरकार के आदेश का पालन किया.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को राज्य विधान सभा में कहा था कि उनकी सरकार हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन करेगी. मुख्यमंत्री सदन में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया के सवाल पर जवाब दे रहे थे. जिन्होंने शून्यकाल में उच्च शिक्षा मंत्री अश्वथ नारायण के बयान पर स्पष्टीकरण देने की मांग की थी.
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