ऊना सीट से हैट्रिक मारने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती हारे चुनाव
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ऊना सीट से हैट्रिक मारने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती हारे चुनाव

ऊना सीट पर पिछले कई सालों से बीजेपी का कब्जा रहा है. भाजपा ने इस बार भी इस सीट से अपने वरिष्‍ठ नेता सतपाल सिंह सत्ती को मैदान में उतारा था. 2003 के बाद से यह सीट भाजपा की पारंपरिक सीट मानी जाती है.

हिमाचल प्रदेश चुनाव में ऊना सीट से भाजपा के सतपाल सिंह सत्‍ती (बाएं) और कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा (दाएं) लड़ रहे थे चुनाव

शिमला: हिमाचाल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं. राज्य की चर्चित सीटों में शुमार ऊना सीट से कांग्रेसी उम्मीदवार सतपाल सिंह रायजादा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी सतपाल सिंह सत्ती को 3196 मतों से शिकस्त दी. ऊना सीट पर पिछले कई सालों से बीजेपी का कब्जा रहा है. भाजपा ने इस बार भी इस सीट से अपने वरिष्‍ठ नेता सतपाल सिंह सत्ती को मैदान में उतारा था. 2003 के बाद से यह सीट भाजपा की पारंपरिक सीट मानी जाती है. तीन विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां अपनी धाक और पकड़ दोनों को स्थापित कर लिया है. पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने लगातार तीन विधानसभा में जीत हासिल कर राज्य में पार्टी के अंदर अपने कद को धूमल के बाद शीर्ष पर पहुंचा दिया है. सत्ती ने 2003, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों को धूल चटाने के साथ साथ जनता के दिल पर भी कब्जा जमा रखा है.

  1. ऊना सीट पर पिछले कई सालों से बीजेपी का कब्जा रहा है.
  2. 2003 के बाद से यह सीट भाजपा की पारंपरिक सीट मानी जाती है.
  3. सत्ती ने पिछले चुनाव में रायजादा को 4,746 मतों से शिकस्त दी थी.

कांग्रेस ने ऊना सीट से सतपाल सिंह रायजादा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. रायजादा ने 2012 के विधानसभा चुनावों में भी सत्ती के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल करने में नाकाम रहे थे. रायजादा को क्षेत्र में बतौर युवा चेहरे के रूप में जाना जाता है. सत्ती ने पिछले चुनाव में रायजादा को 4,746 मतों से शिकस्त दी थी. कांग्रेस ने रायजादा पर दोबारा यकीन जताकर उन्हें एक और मौका दिया है. आपको बता दें कि कांग्रेस ने 1998 में आखिरी बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी.

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