JKDFP: गृह मंत्रालय ने कहा कि जेकेडीएफपी और उसके सदस्य अपनी गतिविधियों से संवैधानिकप्राधिकरण और देश की संवैधानिक व्यवस्था के प्रति घोर अनादर दिखाते रहे हैं. जेकेडीएफपी और इसके नेता गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.
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Jammu-Kashmir: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की अध्यक्षता वाली जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है. गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, 'जम्मू औरकश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेडीएफपी) का गठन 1998 में शब्बीर अहमद शाह द्वारा किया गया था, जो एक प्रमुख अलगाववादी है और अपने भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाने जाते थे.'
इसमें कहा गया है कि जेकेडीएफपी के संस्थापक ने कश्मीर को 'विवादित मानते कहा था कि भारत के संविधान के ढांचे के भीतर इसके किसी भी समाधान से इनकार किया था. इसमें लिखा है कि जेकेडीएफपी के सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों में सबसे आगे रहे हैं और एकअलग इस्लामिक राज्य बनाना चाहते हैं. जेकेडीएफपी के नेता या सदस्यविभिन्न माध्यमों से धन जुटाने में शामिल रहे हैं. आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों सहितजम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पथराव भी करवाया.
इसमें यह भी कहा गया है कि जेकेडीएफपी और उसके सदस्य अपनी गतिविधियों से संवैधानिकप्राधिकरण और देश की संवैधानिक व्यवस्था के प्रति घोर अनादर दिखाते रहे हैं. जेकेडीएफपी और इसके नेता या सदस्य, विशेष रूप से इसके संस्थापकशब्बीर अहमद शाह, गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षाऔर सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक हैं. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथजेकेडीएफपी के संबंधों को दर्शाने वाले कई इनपुट भी हैं.
जेकेडीएफपी और उसके सदस्य देश में आतंक का राज कायम करने के इरादे से हिंसक आतंकवादीगतिविधियों में शामिल रहे हैं, जिससे राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालापेधा हुआ है और इसकी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां भी दिखाई दी हैं. इसलिए संगठन के खिलाफतत्काल और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है. नोटिस में कहा गया है.
कहा गया कि केंद्र सरकार की राय है कि यदि जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी कीगैरकानूनी गतिविधियों पर तत्काल अंकुश या नियंत्रण नहीं किया गया, तो वह इस अवसर का उपयोगराष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को जारी रखने के लिए करेगी जो “नुकसानदेह” होगा. देश की क्षेत्रीयअखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता और (यह) जम्मू-कश्मीर को भारत संघ से अलग करने की वकालतकरना जारी रखेगा.
जेकेडीएफपी अपनी विद्रोही गतिविधियों को बढ़ाएगी, जिसमें कानून द्वारास्थापित सरकार को अस्थिर करके भारत संघ के क्षेत्र से एक इस्लामिक राज्य बनाने का प्रयास भीकर सकती है; और भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करनेके इरादे से जम्मू-कश्मीर के लोगों की राष्ट्र-विरोधी भावनाओं का प्रचार करना जारी रखे सकती है.
उपर्युक्त कारणों से केंद्र सरकार की दृढ़ता से राय है कि जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टीकी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए, जम्मू और कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (JKDFP) को एक'गैरकानूनी संघ' घोषित करना आवश्यक है. इसलिए 'तत्काल जेकेडीएफपी को पांच साल की अवधि के लिए "गैरकानूनी संघ" घोषित किया जाता है.