पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने कहर बरपाया है. यूरोप में हालात बेहद खराब हैं. लगभग सभी यूरोपीय देशों में मरने वालों की संख्या हजारों में है.
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नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) ने कहर बरपाया है. यूरोप में हालात बेहद खराब हैं. लगभग सभी यूरोपीय देशों में मरने वालों की संख्या हजारों में है. लेकिन एक देश है जो ऐसे हालातों में भी चैन की सांस ले रहा है, वो है ग्रीस.
ग्रीस में कोरोना वायरस के कुल मामले लगभग 2000 हैं, और मरने वालों की संख्या 99 है. ग्रीस ने इस आंकड़े के साथ संक्रमण की चेन को तोड़ा है. विशेषज्ञ संकट प्रबंधन के लिए "ग्रीक मॉडल" को उदाहरण मान रहे हैं.
अगर दक्षिण कोरियाई मॉडल जांच के बारे में है, तो ग्रीस तेजी की कहानी कहता है. इस देश ने संक्रमण की चेन को सफलतापूर्वक तोड़ दिया है. ग्रीस में 11 मिलियन लोग रहते हैं, जहां 2,000 से थोड़े ज्यादा मामले थे. मौतों की संख्या 99 थी.
स्पेन में 1 लाख 72 हज़ार मामले हैं और 18,000 से ज्यादा मौतें हुई हैं. इटली की संख्या भी समान रूप से गंभीर है. यहां लगभग 1 लाख 60 हजार मामले और 20,000 से अधिक मौतें हुई हैं. फ्रांस में 1,36,779 मामले और 14,967 मौतें हुई हैं. जर्मनी में, 130,072 मामलों सामने आए जबकि 3,194 लोग मारे गए हैं. यूके में 88,621 मामले हैं और 12,000 से ज्यादा मौतें हुई हैं.
इन सभी देशों में हजारों लोग मारे जा रहे हैं. ग्रीस ने पहला कोरोना वायरस केस दर्ज होने से पहले ही अपने लोगों की जांच शुरू कर दी थी. लोगों को जांच की गई और उन्हें बाकियों से अलग कर दिया गया.
चीन से आने वाली उड़ानों पर नजर रखी गई. स्पेन और अन्य यूरोपीय देशों से लौटने वालों को होटलों में आइसोलेट किया गया. फरवरी के अंत में ग्रीस में मृत्यु का पहला मामला सामने आया. 10 मार्च तक, ग्रीस ने अपने स्कूल बंद कर दिए थे.
और कुछ ही दिनों में, यहां सभी गैर-जरूरी सेवाएं बंद कर दी गईं. ग्रीस में बाकी यूरोपीय देशों से पहले लॉकडाउन कर दिया गया था.
सरकार ने लोगों के बाहर निकलने की जरूरत को सीमित कर दिया. एक विशेषज्ञ का कहना है कि अकेले इस कदम ने करीब 250,000 नागरिकों बचाया. लोगों को डॉक्टरों के पास जाने की जरूरत नहीं थी, बल्कि उन्हें फोन पर ही डॉक्टरी सलाह उपलब्ध कराई जा रही थी.
ग्रीस ने अपने यहां ICU की संख्या को दोगुना कर दिया. फरवरी में, ग्रीस में केवल 560 ICU बेड थे लेकिन मार्च तक ये संख्या 910 हो गई थी. देश ने 4,000 अतिरिक्त डॉक्टरों और नर्सों को काम पर रखा था.
Kyriakos Mitsotakis की सरकार ने घोषणा की कि इससे समस्या का हल निकलेगा. यहां डिजिटल तरीकों से काम करने का निर्णय लिया गया. इसका नतीजा ये हुआ कि यहां दो गुना लोगों को बचाया जा सका.
ग्रीस तेजी से लिए गए अपने फैसलों से उस वक्र को समतल करने में कामयाब रहा. कर्ज में डूबे होने और बड़ी बुजुर्ग आबादी के बावजूद भी ग्रीस कोरोनो वायरस से बचने में कामयाब रहा.