भारतीय वायुसेना देश की पहली सशस्त्र सेना बनी जिसने महिलाओं को सीधे युद्ध के मैदान में उतरने के लिए ट्रेंड किया.
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नई दिल्ली: 27 मई को वायुसेना में पहली बार किसी मध्यम भारवाही हेलीकॉप्टर को उस क्रू ने उड़ाया जिसमें केवल महिलाएं थीं. इस महिला क्रू ने एक MI 17V5 साउथ वेस्टर्न एयर कमांड के एक फॉरवर्ड एयर बेस से उड़ान भरी और क़ामयाबी से लैंडिंग की. इस फ्लाइट की कैप्टन फ्लाइट लेफ्टिनेंट पारुल भारद्वाज थीं. फ्लाइंग ऑफिसर अमन निधि को-पायलट थीं और फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल फ्लाइट इंजीनियर थीं.
भारतीय वायुसेना देश की पहली सशस्त्र सेना बनी जिसने महिलाओं को सीधे युद्ध के मैदान में उतरने के लिए ट्रेंड किया. नवंबर 2017 को वायुसेना की पहली महिला फ़ाइटर पायलटों का बैच अकादमी से प्रशिक्षण पूरा करके सर्विस में आया. इसमें अवनि चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह शामिल हैं. फ्लाइंट लेफ्टिनेंट भावना कांत ने पिछले हफ्ते ही मिग-21 वायसन में दिन की उड़ान पूरी कर पहली ऐसी महिला पायलट बनी जिसे युद्ध में उतारा जा सकता है. बाकी दो महिला फ़ाइटर पायलट अभी अपनी ट्रेनिंग के अलग-अलग दौर में हैं.
भारतीय वायुसेना में महिला पिछले दो दशक से अलग-अलग एयरक्राफ्ट उड़ाती रही हैं. वायुसेना में कुल 94 महिला पायलट हैं. वायुसेना में कुल महिला अफसरों की तादाद 1500 के लगभग है. ये शिक्षा, इंटेलीजेंस, लीगल, संचार जैसे अलग-अलग विभागों में काम करती हैं.