IIT बॉम्बे ने भारत का पहला आत्मनिर्भर स्वदेशी नेविगेशन रिसीवर RF Front end integrated circuit IC "ध्रुव" बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है.
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मुंबई: IIT बॉम्बे ने भारत का पहला आत्मनिर्भर स्वदेशी नेविगेशन रिसीवर RF front end integrated circuit IC चिप बना लिया है. जिसे ध्रुव नाम दिया गया है. इसकी मदद से भारत के नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम NavIC से मिलने वाले सिग्नल्स को बेहतर क्वालिटी में रिसीव किया जा सकेगा. अभी तक भारत को नेविगेशन सैटेलाइट और उनसे मिलने वाले सिग्नल्स के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना होता था. ये देश की सुरक्षा के लिहाज से भी बहुत बड़ी उपलब्धि है.
भारत का नेविगेशन के लिए प्रोजेक्ट NavIC जिसे हिंदी में नाविक भी कहा जाता है, साल 2013 में शुरू हुआ था और अब तक ये 7 सैटेलाइट लांच भी कर चुका है. लेकिन धरती पर अपना खुद का रिसीवर IC चिप न होने की वजह से इस प्रोजेक्ट की सफलता विदेशी राष्ट्रों की मदद पर ही निर्भर रही है. लेकिन अब IIT बॉम्बे ने भारत का पहला आत्मनिर्भर स्वदेशी नेविगेशन रिसीवर RF Front end integrated circuit IC "ध्रुव" बनाने में कामयाबी हासिल कर ली है. भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के फंड से जनवरी 2018 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में 2 करोड़ रुपये से भी कम का खर्च आया है. इस चिप का साइज सिर्फ 1.8 mm X 1.8 mm का है.
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आपको बता दें कि NavIC सैटेलाइट धरती से करीब 36,000 किमी की दूरी पर मौजूद है. ऐसे में धरती पर आते-आते सिग्नल्स बेहद कमजोर हो जाते हैं. अब ये ध्रुव IC चिप इंटरफेसिंग सिग्नल्स को हटाकर एक्चुअल सिग्नल्स को analog से digital में कन्वर्ट करने से पहले इसकी क्वालिटी को 4 लाख गुणा बेहतर कर देता है.
IIT बॉम्बे के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर राजेश जेडे ने बताया कि फिलहाल ये IC चिप, नेविगेशन सैटेलाइट NavIC और GPS के सिविल ऍप्लिकेशनस में स्टैंडर्ड पोजिसनिंग सर्विस को टारगेट करेगा. लेकिन आगे जाकर ये भारत की नेविगेशन से जुड़ी सुरक्षा जरूरतों के लिए बहुत अहम किरदार साबित होने वाला है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये पूरी दुनिया के किसी भी सैटेलाइट सिग्नल्स को डिकोड कर सकता है.
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आपको बता दें कि अमेरिका के पास पहले ही GPS, रूस के पास Global Navigation satellite system, चीन के पास Bei-Dou, यूरोप के पास GALILEO, जापान के पास Quasi- Zenith satellite system मौजूद हैं. साल 1999 के करगिल युद्ध के दौरान भारत की सेनाओ को विदेशी नेविगेशन सेटेलाइटस की कोई मदद नहीं दी गई थी. इसके बाद भारत ने भी अपना खुद का नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम डेवेलप किया है जिसे इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (Indian Regional Navigation Satellite System) कहा जाता है. और अब खुद की पूरी तरह भारतीय रिसीवर IC चिप का बनाया जाना देश की सुरक्षा के लिहाज से अगला मील का पत्थर साबित होने जा रहा है.