मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कहा, ‘‘मैंने आधार नंबर के लिए पंजीकरण नहीं कराया है. मैं अपने लोगों की चिंताओं को साझा करता हूं.’’
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शिलांग: मेघालय में करीब 300 लोग आधार नंबर छोड़ने के लिए एक अभियान में शामिल हुए हैं. दरअसल, उन्होंने आरोप लगाया है कि 12 अंकों की यह पहचान संख्या गैर मूल निवासियों को मतदान का अधिकार दिला सकती है. वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने बुधवार को कहा कि आधार के लिए उन्होंने अब तक पंजीकरण नहीं कराया है क्योंकि वह ‘निजता के अधिकार’ पर राज्य के लोगों की चिंता को साझा करते हैं. इस पूर्वोत्तर राज्य में जून में आधार का पंजीकरण शुरू होने के बाद से राज्य में इसकी पंजीकरण प्रक्रिया को सख्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है. खासी छात्र संघ (केएसयू) और गिरिजाघरों ने गैर मूल निवासियों को मतदान का अधिकार मिलने के अलावा निजता का उल्लंघन होने के आधार पर इसका विरोध किया है.
इस बीच, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने आधार नंबर के लिए पंजीकरण नहीं कराया है. मैं अपने लोगों की चिंताओं को साझा करता हूं. लोकतंत्र में हमारा निजता का अधिकार महत्वपूर्ण है अन्यथा लोकतंत्र का पूरा विचार कमतर हो जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि वह और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने इस पर चर्चा की है और भारत सरकार को पत्र लिखा है. "हम दोनों सही दिशा में बढ़ने को राजी हुए हैं और हम साथ आगे बढ़ते रहेंगे." उन्होंने कहा, "मुद्दा यह है कि हम एक ऐसी स्थिति में हैं जो अन्य राज्यों से अलग है. अवैध प्रवास मेघालय और असम तथा समूचे पूर्वोत्तर के लोगों की समान चिंता है." गौरतलब है कि इससे पहले मेघालय और असम के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को पत्र लिख कर आधार से छूट देने की मांग की थी.
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गमा ने कहा कि राज्य में इसके लिए पंजीकरण चल रहा है ताकि राज्य से बाहर पढ़ाई कर रहे छात्रों को सुविधा हो. उन्होंने दावा किया कि आधार नंबर के पंजीकरण को लेकर काफी भ्रम की स्थिति है और 'हम इस विषय पर पूरी तरह से स्पष्टता चाहते हैं.' इसके साथ ही, कुल 286 लोगों ने आधार पर मेघालय पीपुल कमेटी (एमपीसीए) को अभियान के तीसरे दिन पत्र सौंपा है. उन्होंने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से उनके नाम आधार से हटाने का अनुरोध किया है.
एमपीसीए सचिव अगस्त जायरवा ने कहा कि अभियान जारी है और यह तीन नवंबर को संपन्न होगा. हम संबद्ध अधिकारियों के पास जाने से पहले पर्याप्त संख्या में पत्र पाने की आशा करते हैं. एमपीसीए केएसयू का एक शीर्ष संगठन है. केएसयू में करीब 5000 ऐसे लोग हैं जिन्होंने स्वेच्छा से आधार के लिए पंजीकरण नहीं कराया है. वहीं, यूआईडीएआई के एक अधिकारी ने बताया कि मेघालय में 4.6 लाख से अधिक लोगों के पास आधार नंबर हैं और इसके लिए पंजीकरण जारी है.