India-Nepal Border Security: बॉर्डर के पास तेजी से बढ़ रहे मस्जिद-मदरसे, हुआ बड़ा खुलासा; सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
Advertisement

India-Nepal Border Security: बॉर्डर के पास तेजी से बढ़ रहे मस्जिद-मदरसे, हुआ बड़ा खुलासा; सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

Madarsas On India-Nepal Border: भारत-नेपाल सीमा (India-Nepal Border) पर बसे यूपी के गांवों में मुस्लिमों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर मदरसे और मस्जिदें बनाने का भी खुलासा हुआ है.

भारत-नेपाल सीमा पर मस्जिद-मदरसों की संख्या में 25% की बढ़ोतरी

ISI Conspiracy: सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि भारत-नेपाल सीमा (India-Nepal Border) पर बन रहे मदरसों (Madarsas) और मस्जिदों (Mosques) की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है. ज़ी मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2021 की एक रिपोर्ट से पता चला है कि भारत-नेपाल सीमा पर मदरसों और मस्जिदों की संख्या अब कुल 1688 हो गई है, जिनमें 946 मस्जिद हैं और 623 मदरसे हैं. साथ ही 10 मदरसे और मस्जिदें निर्माणाधीन हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2018 में भारत-नेपाल सीमा पर मदरसों और मस्जिदों की कुल संख्या 1349 दर्ज की गई थी. इनमें 738 मस्जिदें और 501 मदरसे शामिल हैं.

बॉर्डर के पास तेजी से हो रहा मस्जिद-मदरसों का निर्माण

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत-नेपाल सीमा से सटे नेपाली इलाके में भी बड़ी संख्या में मदरसों और मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है. साल 2021 में जहां कुल 334 मदरसे और मस्जिदों के बारे में जानकारी मिली थी, वहीं साल 2018 में ये संख्या 311 थी. जहां साल 2018 में नेपाली इलाके में कुल 3 नए मदरसों और मस्जिदों के निर्माण की जानकारी मिली थी. महज दो साल में निर्माणाधीन मदरसों और मस्जिदों संख्या 16 हो गई है.

यूपी के इन जिलों में तेजी से बढ़ी मुस्लिम आबादी

नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर पर भारतीय गांवों में भी मुस्लिम आबादी में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है. महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती और पीलीभीत जैसे जिलों में बॉर्डर के गांवों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, महराजगंज में बॉर्डर के पास मौजूद कुल 302 गांवों में से 66 गांव ऐसे हैं जिनकी मुस्लिम आबादी में पिछले कुछ सालों में 30 से लेकर 50 प्रतिशत तो कई मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले गांव बन गए हैं.

सुरक्षा एजेंसियों ने जताई चिंता

इसी तरह सिद्धार्थनगर के 270 गांवों में से 124, बलरामपुर के 164 गांवों में से 13, बहराइच के 83 गांवों में से 45 गांव, श्रावस्ती के 115 गांव में से 53 गांव और पीलीभीत के 46 में से 2 गांवों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है. इनमें से कई मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले गांव बन गए हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने भारत-नेपाल बॉर्डर पर बढ़ती जिहादी गतिविधियों को चिंता जताई है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में भारत-नेपाल बॉर्डर आतंकियों के लिए शेल्टर जोन के रूप में उभरा है जो कि आतंकियों के लिए ट्रांजिट पॉइंट और जिहादी गतिविधियों का अड्डा बनता जा रहा है.

एजेंसियों के मुताबिक, नेपाल में सक्रिय एक NGO को पाकिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों से काफी फंडिंग मिल रही है. सूत्रों के मुताबिक, इसके जरिए नेपाल-भारत सीमा पर मदरसों और मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भी चिंता है कि भारत-नेपाल सीमा खुली होने का फायदा जिहादी और आतंकी उठा सकते हैं. पाकिस्तान की ISI नेपाल में काफी सक्रिय है और भारत-नेपाल की खुली सीमा होने की वजह से आतंकियों के लिए भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने की साजिश रच सकता है.

हाल ही में दिल्ली में हुई DGP/IGP कॉन्फ्रेंस के दौरान भी भारत-नेपाल सीमा पर जिहादी गतिविधियों को लेकर चिंता जाहिर की गई थी. इस कॉन्फ्रेंस में बताया गया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों को मदद पहुंचा रही है. ये भी कहा गया कि पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई ब्लैक मार्केट से हथियार खरीदकर इन आतंकियों तक अमेरिकी हथियार पहुंचा रही है. हथियारों की खरीदारी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बॉर्डर पर मौजूद ब्लैक मार्केट से की जा रही है. हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जताई गई चिंता गंभीर हो सकती है. यही कारण है कि आसपास के इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है.

भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

Trending news