पाकिस्तान के पीएम इमरान ख़ान (Imran Khan) ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने की घोषणा की थी. इस पर भारत ने उसे दो दिन में दो बार चेतावनी जारी की है.
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श्रीनगर: पाकिस्तान के पीएम इमरान ख़ान (Imran Khan) ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने की घोषणा की थी. इमरान खान के ऐलान के 24 घंटे के अंदर ही भारत (India) ने दो बार पाकिस्तान को सख्त चेतावनी जारी की.
PoK, गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न अंग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने पाकिस्तान को ललकारते हुए ट्वीट किया, 'गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया हुआ है. पाकिस्तान अब गिलगित-बाल्टिस्तान को राज्य बनाने जा रहा है. इस फैसले पर हमारी सरकार ने दो टूक शब्दों में कहा है कि PoK से लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान तक भारत का अभिन्न अंग है.' राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान समेत इन भारतीय इलाकों में अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान के अत्याचार का मुद्दा भी उठाया.
गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने अवैध क़ब्ज़ा किया हुआ है। पाकिस्तान अब गिलगित-बाल्टिस्तान को राज्य बनाने जा रहा है। हमारी सरकार ने दो टूक शब्दों में कहा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरा PoK भारत का अभिन्न अंग है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 2, 2020
राजनाथ सिंह ने कहा,'हम लोग नहीं चाहते थे कि भारत का विभाजन हो, लेकिन हो गया. जो हिंदू-सिख-बौद्ध पाकिस्तान में रह गए और उनके साथ कैसा सुलूक होता रहा है, इसकी जानकारी आपको भी है. हमने वहां पर मज़हबी उत्पीड़न झेल रहे अल्पसंख्यकों को राहत देने के लिए नागरिकता कानून बनाया.'
विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी
रक्षा मंत्री से पहले रविवार को विदेश मंत्रालय ने भी पाकिस्तान को पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान खाली करने की चेतावनी दी थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था,' पाकिस्तान ने 1947 से गिलगित-बाल्टिस्तान और PoK पर अवैध कब्जा करके रखा है. पाकिस्तान वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है. पाकिस्तान भारत के इस हिस्से पर अवैध कब्जे को फौरन छोड़े. गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके को तुरंत खाली करे.'
इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का प्रांत बनाया
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को गिलगित में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, हमने फैसला किया है कि गिलगित बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देना है. जो बहुत इनकी बहुत दिनों से मांग थी. हमने यह फैसला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए किया है.'
भारत ने दो दिन में 2 बार चेतावनी देकर दिखाए कड़े तेवर
दो दिन में दो बार चेतावनी जारी करके भारत ने पाकिस्तान को साफ कर दिया कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरे पीओके को तुरंत खाली करे. ऐसा नहीं करने पर भारत बहुत जल्द वहां पराक्रम दिखा सकता है. जिसके बाद बाजवा के सैनिक और इमरान के चाटुकार पीओके से भागने पर मजबूर हो जाएंगे. पाकिस्तान के खंड खंड होने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के अखंड हिदुस्तान का सपना भी पूरा हो जाएगा.
PoK पर कब्ज़े का इतिहास
15 जून 1947: नो-टैक्स अभियान के रूप में पुंछ, कश्मीर राज्य की आंतरिक रियासत में आंदोलन शुरू
15 अगस्त 1947: पुंछ पर पाकिस्तान समर्थित गुटों ने हमला कर पाकिस्तान का झंडा फहराने की कोशिश की
12 सितंबर 1947: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली ने बैठक कर सेना और कबायलियों के बड़े हमले की योजना बनाई
4 अक्टूबर 1947: थोरार इलाके में पाक समर्थित विद्रोहियों का बड़ा हमला पुंछ में राज्य के सुरक्षा बलों की घेराबंदी की
22 अक्टूबर 1947: कबायलियों का मुजफ्फराबाद और बारामूला पर कब्जा श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों तक भी पहुंचे
24 अक्टूबर 1947: सरदार इब्राहिम ने AJK की स्थापना की घोषणा कर खुद को प्रमुख बनाया
26 अक्टूबर 1947: महाराजा हरि सिंह का भारत के साथ जाने का फैसला इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर हस्ताक्षर किए
27 अक्टूबर 1947: भारतीय वायु सेना ने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर श्रीनगर में भारतीय सैनिक उतारने शुरू किए
31 अक्टूबर 1947: महाराजा हरि सिंह ने पूरे जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय करने की मंज़ूरी दी
1 जनवरी 1948: भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की
- संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत दखल देकर युद्ध विराम का आदेश दिया. तब से अब तक PoK पर पाकिस्तान का कब्जा कायम है.
ब्रिटिश अफसर ने किया था महाराज हरि सिंह से विश्वासघात
गिलगित बाल्टिस्तान को महाराज हरि सिंह ने 1935 में 60 साल के लिए ब्रिटिश सरकार को पट्टे पर दिया था. ब्रिटिश सरकार ने 1 अगस्त, 1947 को पट्टा निरस्त करके महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया था. महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 को इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर हस्ताक्षर किए. उस समय एलेक्जेंडर ब्राउन गिलगित-बाल्टिस्तान के सुरक्षा प्रमुख थे. वे गिलगित स्काउट फोर्स के प्रमुख भी थे. अलेक्जेंडर ब्राउन ने महाराजा हरि सिंह से विश्वासघात करके वहां पर पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया था.
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