MIG 21 fighter Aircraft को लेकर वायु सेना ने बड़ा फैसला लिया है. अब यह Aircraft आपको आसमान या जंग के मैदान में नहीं दिखाई देंगे. इसके पीछे की वजह भी वायु सेना ने बताई है.
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Indian Air Force News: भारतीय वायु सेना ने लगातार हादसों का शिकार हो रहे मिग 21 के उड़ाने पर रोक लगा दी है. खबर है कि वायु सेना ने MIG 21 एयरक्राफ्ट के पूरे बेड़े को सेना से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बीते कुछ हफ्ते पहले राजस्थान में एक मिग-21 के क्रैश होने से 3 सैनिक शहीद हो गए थे. इससे पहले भी ऐसे कई हादसे दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें पायलट अपनी जान गवां चुके हैं. इन हादसों की वजह से वायुसेना ने अस्थाई रूप से इस एयरक्राफ्ट पर रोक लगा दी है.
हो रही है जांच
राजस्थान में हुए MIG 21 एयरक्राफ्ट क्रैश की जांच फिलहाल जारी है लेकिन 2 सप्ताह बाद अचानक से इस एयरक्राफ्ट को न उड़ाने का फैसला लिया गया है. गौरतलब है कि MIG 21 को साल 1963 में भारतीय सेना में जगह दी गई थी. भारतीय सेना खुद को अपडेट कर रही है, इस दौरान हथियारों को अपडेट करना जरूरी हो गया है. हाल ही में सेना में तेजस को शामिल किया गया है जिसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स से 48000 करोड़ का सौदा किया गया था. इस सौदे में 83 तेजस विमान को सेना का हिस्सा बनाने की बात हुई थी.
400 एयरक्राफ्ट दुर्घटना का शिकार
साल 1960 के दशक में सेना का हिस्सा बने मिग 21 के हादसों की बात करें तो अब तक 400 एयरक्राफ्ट दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो आने वाले साल 2025 तक मिग 21 को चरणबद्ध तरीके से सेना से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. वायु सेना ने पहले भी इस बात का जिक्र किया है कि वह विमानों की कमी से जूझ रही है. इसकी वजह से वह अपने फौज में 42 स्क्वॉड्रन को शामिल करना चाहती है लेकिन मौजूदा समय की बात करें तो भारतीय सेना के पास केवल 32 स्क्वॉड्रन ही हैं.
50 मिग 21 विमान हैं वायु सेना के पास
मीडिया रिपोर्ट्स मिली जानकारी की मानें तो सेना के पास अभी सिर्फ 50 मिग 21 विमान हैं. आने वाले 3 साल के भीतर सभी स्क्वॉड्रन को रिटायर कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना 114 मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी कर रही है. आने वाले समय में जिनका इस्तेमाल किया जाएगा.
(इनपुट: न्यूज एजेंसी एएनआई)