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काबुल/नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) को लेकर पूरी दुनिया का डर सही साबित हुआ और राजधानी काबुल पर तालिबान का कब्जा हो गया है. अब एक बार फिर अफगानिस्तान में 20 साल बाद तालिबान का फिर से राज हो गया और तालिबान की वापसी (Taliban Returns) से पूरे देश में हालात बेहद डरावने हो चुके हैं. इस वजह से अफगानिस्तान में मौजूद हर कोई देश से बाहर निकलना चाहता है, लेकिन इसी बीच काबुल एयरपोर्ट से कमर्शियल फ्लाइट्स बंद हो गई हैं.
काबुल एयरपोर्ट बंद होने के बाद अफगानिस्तान में भारत समेत कई देशों के नागरिक फंस गए हैं. इस बीच सूत्रों से खबर है कि भारत सरकार अपने नागरिकों को अफगानिस्तान निकालने के लिए चाबहार पोर्ट (Chabahar Port) का इस्तेमाल कर सकती है. इसके अलावा एयरपोर्ट बंद होने की सूरत में हो सकता कि भारत सरकार अपने नागरिकों (Indian Citizen) को एयरलिफ्ट करवाए.
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तालिबान भरोसा दिला रहा है कि काबुल में मौजूद राजनयिकों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन तालिबान का टेरर किस कदर लोगों के दिलो-दिमाग पर हावी है, इसकी बानगी काबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर देखने को मिली. काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल दिख रहा है और एयरपोर्ट पर मौजूद ये भीड़ जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ देने को लेकर बेचैन दिख रही है. वहीं NATO देशों ने फैसला लिया है कि काबुल पर सभी कमर्शियल उड़ाने निलंबित रहेंगी और काबुल एयरपोर्ट का इस्तेमाल अब सिर्फ मिलिट्री के लिए होगा.
राष्ट्रपति भवन में तालिबान के आतंकवादी दाखिल हो चुके हैं और हथियारों से लैस तालिबानी आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. तालिबान ने दावा किया है कि उसका ना सिर्फ काबुल के 11 जिलों पर नियंत्रण हो चुका है, बल्कि अफगानिस्तान का कंट्रोल भी अब उसके ही हाथों में है. तालिबान ने इसीलिए अफगानिस्तान में जल्द अपनी हुकूमत का ऐलान करने की बात कही है और ये घोषणा भी की है कि अफगानिस्तान का नया नाम अब 'इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान (Islamic Emirate of Afghanistan)' होगा.
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