VIDEO: नेवी ने हासिल की खास क्षमता, समुद्र में 100 मीटर अंदर फंसी पनडुब्‍बी से जवान निकाले
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VIDEO: नेवी ने हासिल की खास क्षमता, समुद्र में 100 मीटर अंदर फंसी पनडुब्‍बी से जवान निकाले

भारत इस तरह की क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का 7वां देश बना है.  अभी तक ऐसे हादसों से निपटने में भारत अमे‍र‍िका जैसे देशों पर निर्भर था.

ये अभ्‍यास मंगलवार को विशाखापत्‍तनम के निकट किया गया.

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने एक खास क्षमता हा‍स‍िल की है. नौसेना ने समुद्र के भीतर हादसे का शिकार हुई पनडुब्‍बी से जवानों को सकुशल निकालने में कामयाबी पाई है. अब भारत एक विशेष क्‍लब में शामिल हो गया है. नौसेना ने विशाखापत्तनम में एक ‘डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल’ (डीएसआरवी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया और एक पनडुब्बी से कर्मियों को निकालने का अभ्यास भी किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि यह अभ्यास दो जून को किया गया.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीएसआरवी के जरिए आईएनएस सिंधुध्वज से कर्मियों को निकाला गया. इस तरह से पूर्वी तट का प्रशिक्षण चरण संपन्न हुआ. यह कौशल भारतीय नौसेना ने नया - नया हासिल किया है.

अधिकारी ने बताया कि यह अभ्यास एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और हिंद महासागर क्षेत्र में पनडुब्बी रेस्क्यू मुहैया करने वाले के तौर पर नौसेना का मार्ग प्रशस्त करेगा. भारत इस तरह की क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का 7वां देश बना है.  अभी तक ऐसे हादसों से निपटने में भारत अमे‍र‍िका जैसे देशों पर निर्भर था.

बता दें कि डीएसआरवी का उपयोग समुद्री सतह पर गिर चुकी पनडुब्बियों से कर्मियों को निकालने में किया जाता है. समुद्र की सतह पर केबल बिछाने सहित अन्य कार्यों में भी इसका उपयोग किया जाता है. नौसेना ने पिछले साल प्रथम डीएसआरवी को सेवा में उतारा था. डीएसआरवी को शामिल कर नौसेना दुनिया की कुछ चुनिंदा नौसेनाओं में शामिल हो गई जिनके पास यह क्षमता है.

अभी तक 48 घंटे में मदद पहुंचाता था अमेरिका
नौसेना अब तक पनडुब्‍बी से राहत बचाव के‍ लिए अमेरिका पर निर्भर थी. इसलिए भारत ने उसके साथ करार किया हुआ था. हादसे की स्‍थ‍िति‍ में अमेरिका 48 घंटे में रेस्‍क्‍यू व्‍हीकल भारत भेजता था. इस व्‍हीकल को निकट के किसी पोर्ट पर उतारा जाता था. यहां से उसे शि‍प के जर‍िए घटनास्‍थल पर ले जाया जाता था. इस काम में दो दिन लग जाते थे. लेकिन अब इस क्षमता को हास‍िल कर लेने के बाद भारत किसी आपदा या दुर्घटना के बाद तुरंत राहत एवं बचाव कार्य में जुट सकता है.

input: Bhasha

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