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नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में पिछले 4 सालों में सीमा पार से आतंकी घुसपैठ में भारी गिरावट आई है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि सीमा पर पिछले कुछ सालों से लगातार कड़ी निगरानी रखी जा रही है. जिससे आतंकियों के लिए अब सीमा पार करना आसान नहीं रहा.
गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पिछले साल 2020 में 99 बार घुसपैठ की कोशिश हुई जिसमें सिर्फ 51 आतंकी सीमापार से जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में घुसपैठ कर सके. वहीं 2019 में 216 बार पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश की गई जिसमें 138 आतंकियों की घुसपैठ की आशंका जताई गई है.
जम्मू कश्मीर में 'ऑपरेशन ऑल आउट' चलने के बावजूद साल 2018 में 323 बार पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की तरफ से घुसपैठ की कोशिश की गई. सुरक्षाबलों को आशंका है कि 143 आतंकी 2018 में घुसे थे. साल 2017 में सबसे ज्यादा 406 बार पाक खुफिया एजेंसी ISI की तरफ से आतंकी घुसपैठ की कोशिश कराई गई, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट की मानें तो इसमें 123 आतंकी घुसपैठ में सफलता पा सके हालांकि बाद में कई आतंकी ढेर कर दिए गए.
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साल 2016 में 364 बार आतंकियों की घुसपैठ सीमापार पाकिस्तान की तरफ से हुई जिसमें सुरक्षा बलों की रिपोर्ट के मुताबिक 112 आतंकी घुसपैठ में कामयाब हो सके. खुफिया एजेंसियां इस बात की आशंका जता चुकी हैं कि कश्मीर के साथ-साथ जम्मू में आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है हाल ही की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अब तक जम्मू कश्मीर में 8 अल बदर और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी घुसपैठ कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक इस साल जनवरी तक शोपियां,पुलवामा में कुछ लोकल रिक्रूटमेंट का खुफिया इनपुट मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक कुल 15 लोकल आतंक की राह पर गए हैं जिनको सुरक्षा एजेंसियां अपने माध्यम से ट्रैक करने में जुटी हुई हैं.
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