आज नौसेना में शामिल होगा जंगी जहाज INS विशाखापट्टनम, समुद्र में खोद देगा दुश्मनों की कब्र
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आज नौसेना में शामिल होगा जंगी जहाज INS विशाखापट्टनम, समुद्र में खोद देगा दुश्मनों की कब्र

INS Visakhapatnam पर तैनात मिसाइल 70 किलोमीटर दूर उड़ रहे फाइटर जेट को नेस्तोनाबूत करने में सक्षम है. इस जंगी जहाज में कई आधुनिक हथियार तैनात है.

INS विशाखापट्टनम | फोटो साभार- पीटीआई.

मुंबई: आज (रविवार को) समुद्र में भारत के सबसे शक्तिशाली युद्धपोत INS विशाखापट्टनम (INS Visakhapatnam) को भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल किया जाएगा. INS विशाखापट्टनम की कमीशनिंग समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे. ये युद्धपोत आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए युद्ध के लिए बनाया गया है.

  1. छिपी सबमरीन को झट से ढूंढ लेता है जंगी जहाज
  2. INS विशाखापट्टनम पर तैनात है ब्रम्होस मिसाइल
  3. 163 मीटर लंबा है INS विशाखापट्टनम

75 फीसदी स्वदेशी है INS विशाखापट्टनम

बता दें कि INS विशाखापट्टनम को मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में बनाया गया है. इस युद्धपोत की सबसे खास बात है कि 75 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से स्वदेशी है. आने वाले सालों में इस क्लास के तीन और युद्धपोत 35,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे.

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भारत में निर्मित सबसे लंबा विध्वंसक युद्धपोत

INS विशाखापट्टनम 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है. इसका वजन 7,400 टन है. ये युद्धपोत काफी आधुनिक है. ये भारत में निर्मित सबसे लंबा विध्वंसक युद्धपोत हैं जिसपर 50 अधिकारी सहित करीब 300  नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं.

दुश्मनों का काल है INS विशाखापट्टनम

कई सालों तक अलग-अलग परीक्षणों से गुजरने के बाद दुश्मनों का विनाशक INS विशाखापट्टनम अब नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है. इस जंगी जहाज पर कई आधुनिक हथियार तैनात किए गए हैं. INS विशाखापट्टनम पर स्वदेशी एंटी शिप ब्रह्मोस मिसाइल तैनात की गई है. इस पर तैनात मिसाइल 70 किलोमीटर की दूरी से हवा में उड़ रहे दुश्मन के फाइटर जेट को बर्बाद कर सकती है.

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आईएनएस विशाखापट्टनम ऑटोमिक, बायोलॉजिकल और केमिकल हमलों के दौरान ना सिर्फ अपना सीना चौड़ा करके खड़ा रह सकता है बल्कि समुद्र में एक किलोमीटर की गहराई में सबमरीन में छिपे दुश्मनों की कब्र भी खोद सकता है. और यही वजह है कि ये नौसेना को सबसे बड़ी ताकत और जरूरत है.

गौरतलब है कि हिंद महासागर क्षेत्र में बदलते हालात को देखते हुए आईएनएस विशाखापट्टनम के आने से नौसेना सामरिक तौर पर काफी मजबूत हो जाएगी.

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