इजराइल-हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर पर समझौता, 5 पॉइंट में समझें क्या-क्या हैं डील की शर्तें?
Israel-Hezbollah Ceasefire Deal: इजराइल ने हिजबुल्लाह के साथ युद्ध विराम समझौते पर सहमति जताई है. हालांकि, इस समझौते से गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसके खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.
Israel Hezbollah News in Hindi: इजराइल ने हिजबुल्लाह के साथ युद्ध विराम समझौते (Ceasefire Deal) पर सहमति जताई है. यह डील बुधवार को इजरायल के समयानुसार सुबह 4 बजे से प्रभावी हो गया है. हिजबुल्लाह नेताओं ने भी समझौते के लिए प्रारंभिक समर्थन का संकेत दिया है. इससे लगभग 14 महीने से जारी लड़ाई के अंत का मंच तैयार होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कहा कि इजरायल और ईरान समर्थित समूह हिजबुल्लाह ने संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस द्वारा मध्यस्थता किए गए समझौते को स्वीकार कर लिया है. हालांकि, इस समझौते से गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसके खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं.
सीजफायर डील को कैसे देखते हैं अमेरिका-ब्रिटेन?
अमेरिकी राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री दोनों ने युद्ध विराम समझौते की तारीफ की है. जो बाइडेन ने इसे 'अच्छी खबर' बताया है और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस पर जोर देते हुए कहा है कि यह लंबे समय से लंबित था. जो बाइडेन ने कहा, 'मैंने इजरायल और लेबनान के प्रधानमंत्रियों से बात की है और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उनकी सरकारों ने इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.' स्टार्मर ने बयान में कहा, 'हमें गाजा में युद्धविराम समझौते की दिशा में तत्काल प्रगति देखनी चाहिए, सभी बंधकों की रिहाई और अत्यंत आवश्यक मानवीय सहायता पर प्रतिबंध हटना चाहिए.'
हिजबुल्लाह ने समझौते के बारे में क्या कहा?
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह के एक नेता ने कहा कि इस समझौते के लिए समूह का समर्थन इस आश्वासन पर निर्भर करता है कि इजरायल अपने हमले फिर से शुरू नहीं करेगा. हिजबुल्लाह के राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष महमूद कामाती ने अल जजीरा से कहा, 'समझौते की समीक्षा करने के बाद हम देखेंगे कि हमने जो कहा और लेबनानी अधिकारियों द्वारा जिस पर सहमति बनी उसमें कोई मेल है या नहीं. हम निश्चित रूप से आक्रमण का अंत चाहते हैं, लेकिन लेबनान राज्य की संप्रभुता की कीमत पर नहीं.'