P Chidambaram on Omar Abdullah: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम एक तस्वीर को देखकर भड़क गए. तस्वीर को देखने के बाद उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के सीएम के पास कोई अधिकार नहीं है.
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P Chidambaram on LG Manoj Sinha: कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री को लेकर बड़ी बात कह दी है. यह बात उन्होंने उस तस्वीर को देखने के बाद की जिसमें जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल एक मीटिंग कर रहे हैं. पी चिदंबरम ने कहा कि इस तस्वीर को देखने के बाद साफ है कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के पास कोई अधिकार नहीं है.
चिदंबरम का बयान
पी चिदंबरम ने अपने एक्स हैंडल से लिखा, "जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जम्मू-कश्मीर के एलजी की तस्वीर बता रही है कि निर्वाचित मुख्यमंत्री मौजूद नहीं हैं. उन्हें इस मीटिंग में बुलाया गया या नहीं मुझे नहीं पता. लेकिन फोटो देखकर ऐसा लग रहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था का अधिकार एलजी के पास है.''
अधिकारियों के साथ मीटिंग
पी चिदंबरम ने उस तस्वीर को देखने के बाद एक्स पर लिखा जिसे जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल के हैंडल से ट्वीट किया गया है. इस तस्वीर में दिख रहा है कि उप राज्यपाल मनोज सिन्हा अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. इस मीटिंग में राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी नजर आ रहे हैं लेकिन किसी भी तस्वीर में मुख्यमंत्री नजर नहीं आ रहे हैं.
तत्काल मिले पूर्ण राज्य का दर्जा
पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा तत्काल बहाल करना जरूरी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों ने अन्य चीजों के अलावा अपनी सुरक्षा के लिए एक मुख्यमंत्री और सरकार को चुना है, लेकिन मुख्यमंत्री के पास कोई अधिकार नहीं है. चिदंबरम ने कहा कि यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर को आधा राज्य बताया जाता है.
सुरक्षा के लिए मिला निर्देश
बता दें कि उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को घाटी में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के सुरक्षा ऑडिट करने, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाके लगाने, रात में गश्त और निगरानी का निर्देश दिया है. मनोज सिन्हा ने राजभवन में एक बैठक में कश्मीर क्षेत्र के लिए सुरक्षा समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए.
द रजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी जिम्मेदारी
बैठक रविवार को गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक सुरंग के निर्माण में शामिल श्रमिकों पर हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद हुई. इस हमले में एक स्थानीय चिकित्सक और छह प्रवासी मजदूरों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी. प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रजिस्टेंस फ्रंट’ ने इस बर्बर हमले की जिम्मेदारी ली थी.