Kokernag Crackdown: 1995 से लेकर अब तक यह सबसे लंबा चलने वाला आतंक विरोधी अभियान है. 13 सितंबर को कोकेरनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, राइफलमैन रवि कुमार और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए थे.
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Anantnag Encounter Update: अनंतनाग के कोकेरनाग में मुठभेड़ के बाद लगातार छठे दिन आतंकियों के खिलाफ सेना का एक्शन जारी है. पहाड़ों में तलाशी अभियान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू किया गया. सुबह से लेकर अब तक तीन बार जंगलों में गोलीबारी हो चुकी है. कोकेरनाग ऑपरेशन तकनीकी रूप से अब तक के सबसे एडवांस ऑपरेशनों में से एक है.
1995 से लेकर अब तक यह सबसे लंबा चलने वाला आतंक विरोधी अभियान है. 13 सितंबर को कोकेरनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, राइफलमैन रवि कुमार और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए थे. इसके बाद से आतंकियों के खात्मे के लिए यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
शव का कराया जाएगा डीएनए टेस्ट
रविवार को गुफा के पास से जले हुए शव की बरामदगी हुई थी. इसकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, यह शव आतंकी का हो सकता है इसलिए परिवार के सदस्यों से डीएनए नमूना लिए जाने की संभावना है, जिसे शव से मिलाया जाएगा. सुरक्षाबलों का मानना है कि जला हुआ शरीर आतंकवादी का है, जो कपड़ों के पैटर्न और अन्य सबूतों पता चलता है. यही कारण है कि डीएनए टेस्ट किया जाएगा.
दूसरे आतंकी की तलाश के साथ ही ड्रोन से पहचाने गए जवान के शव को अलग जगह पर ढूंढने की कोशिश की जा रही है, जिसे अभी बरामद नहीं किया गया है. साथ ही इन जंगलों में सोमवार सुबह से मोपिंग ऑपरेशन चल रहा है और जो धमाके हो रहे हैं उनके बारे में बताया जा रहा है कि बिना फटे बम के गोले नष्ट किये जा रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि आज अभियान खत्म हो सकता है. दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा और सेना के बलिदान का पूरा हिसाब होगा
कश्मीर भेजी गई कोबरा फोर्सेज की स्पेशल यूनिट
दूसरी ओर, सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो फोर्सेज की स्पेशल यूनिट को जम्मू-कश्मीर भेजा गया है. जंगल और पहाड़ों में छिपकर सुरक्षा बलों पर आतंकियों के हमले करने के तरीकों पर COBRA खास नजर रख रही है. आतंकियों के खिलाफ अगर ऑपरेशन की जरूरत पड़ी तो उसके लिए वहां मौजूद फोर्सेज की वह मदद भी करेगी.
कोबरा कमांडोज को जंगल और गुरिल्ला वॉर फेयर की लड़ाई में महारत हासिल है इसलिए कोबरा कमांडोज को लड़ाई में उतारा जा सकता है. पिछले कुछ दिनों से आतंकी जम्मू कश्मीर के जंगलों और पहाड़ों में छिपकर सुरक्षा बलों पर हमला कर रहे हैं. कोबरा नक्सलियों से निपटने के लिए स्पेशल फोर्स है.
(मनीष शुक्ला के इनपुट के साथ)