MP Political Crisis: दिल्ली में कमलनाथ और नकुलनाथ की दस्तक से मध्यप्रदेश की राजनीति अचानक सुर्खियों में आ गई है. कहा जा रहा है कि कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं. उनके बेटे नकुलनाथ भी कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं.
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MP Political Crisis: दिल्ली में कमलनाथ और नकुलनाथ की दस्तक से मध्यप्रदेश की राजनीति अचानक सुर्खियों में आ गई है. कहा जा रहा है कि कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं. उनके बेटे नकुलनाथ भी कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं. सूत्र यहां तक कह रहे हैं कि आज शनिवार की शाम कमलनाथ के अगले कदम के बारे में पता चल जाएगा. शाम को कमलनाथ के भाजपा नेताओं से मुलाकात की बात भी कही जा रही है. कमलनाथ अगर भाजपा में गए तो इसका नुकसान सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस को होगा. आइये जानने की कोशिश करते हैं, कमलनाथ के दल बदलने से कांग्रेस के लिए मध्यप्रदेश में क्या-क्या बदल जाएगा.
कांग्रेस से नाराज हैं कमलनाथ?
पहले यह जानना जरूरी है कि कमलनाथ की कांग्रेस से बेरुखी की खबरों में कितना दम है? इसके लिए पिछले साल मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव का रुख करना पड़ेगा. मध्यप्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी थी. इस चुनाव में भाजपा ने बहुमत के 116 के आंकड़े से कहीं ज्यादा 163 सीटें जीतीं. कांग्रेस को 66 सीटों पर ही जीत मिली थी. इस पूरे चुनाव में कांग्रेस का चेहरा कमलनाथ थे.
कमलनाथ को कांग्रेस ने किया साइडलाइन?
राज्य में कांग्रेस की हार के बाद कमलनाथ को किनारे लगाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा. कमलनाथ को जब पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो उनको किनारे लगाने वाली बातों को और बल मिलने लगा. राहुल गांधी के करीबी बताए जाने वाले जीतू पटवारी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई. इतना ही नहीं कमलनाथ को नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बनाया गया. कांग्रेस नेता उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया.
नकुल के साथ दिल्ली में कमलनाथ
पार्टी के इन फैसलों के बाद कई मौकों पर कमलनाथ की नाराजगी भी देखने को मिली. वे पार्टी के कई बड़े कार्यक्रमों से नदारद रहे. वे जीतू पटवारी के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए. इसके बाद राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार अशोक सिंह के नामांकन में भी वे नहीं दिखे. जिसके बाद से कमलनाथ की कांग्रेस से नाराजगी और भाजपा से करीबी की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया. अब कमलनाथ, बेटे नकुलनाथ के साथ अचानक दिल्ली पहुंचे हैं तो दोनों के भाजपा में शामिल होने का दावा किया जा रहा है.
कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका
कमलनाथ भाजपा में शामिल हुए तो यह कांग्रेस को भारी नुकसान पहुंचा सकता है. लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं है और राज्य में कांग्रेस की हालत किसी से छिपी नहीं है. कमलनाथ ने भाजपा का रुख किया तो वे अकेले नहीं होंगे. उनके साथ कांग्रेस के कई विधायक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं. छिंदवाड़ा को कमलनाथ का गढ़ माना जाता है. भाजपा की लहर के बावजूद पिछले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ की छिंदवाड़ा में मजबूत पकड़ देखने को मिली थी. छिंदवाड़ा लोकसभा की सभी 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट भी कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के हाथ में है.
1 से शून्य पर न पहुंच जाए कांग्रेस
कमलनाथ के भाजपा में जाने से कांग्रेस के हाथ से छिंदवाड़ा तो जा ही सकता है और इसका असर राज्य की अन्य विधनासभाओं में भी देखने को मिल सकता है. आगामी लोकसभा चुनाव की बात करें तो राज्य 29 सीटों में से छिंदवाड़ा ही एक ऐसी सीट है जिसपर कांग्रेस जीत हासिल कर सकी थी. लेकिन कमलनाथ के भाजपा में जाने से कांग्रेस 1 से शून्य पर आ सकती है. छिंदवाड़ा से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ सांसद हैं.
कमलनाथ के साथ 8-10 विधायक भी छोड़ सकते हैं कांग्रेस?
कमलनाथ सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं बल्कि ग्वालियर, चंबल और मुरैना जैसे क्षेत्रों में भी मजबूत पकड़ रखते हैं. सूत्रों की मानें तो अगर वे भाजपा में शामिल हुए थे उनके साथ 8 से 10 विधायक भी कांग्रेस छोड़ सकते हैं. इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. कुल मिलाकर भाजपा में जाना कमलनाथ के लिए फायदे का सौदा होगा और इसका घाटा कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.