Karnataka: सिद्धारमैया और शिवकुमार 20 मई को दोपहर साढ़े 12 बजे अपने-अपने पद की शपथ लेंगे. सिद्धरमैया दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. बेंगलुरु में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से कांग्रेस देश में विपक्ष की एकजुटता का संदेश देना चाहती है.
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Siddaramaiah and Shivakumar Oath Ceremony: कांग्रेस ने सिद्धारमैया को कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री नामित किया और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है. सिद्धारमैया और शिवकुमार 20 मई को दोपहर साढ़े 12 बजे अपने-अपने पद की शपथ लेंगे. सिद्धारमैया दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. बेंगलुरु में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से कांग्रेस देश में विपक्ष की एकजुटता का संदेश देना चाहती है. पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत कई विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा गया है.
शपथ ग्रहण में कौन-कौन होगा शामिल?
बिहार के उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मेरे पास शपथ ग्रहण के लिए न्योता आया है. हम सब लोग जाएंगे. वहीं, समारोह में झारखंड के सीएम और JMM नेता हेमंत सोरेन के शामिल होने की भी संभावना है. JMM के मुख्य प्रवक्ता एवं महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, मुख्यमंत्री सोरेन को सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा, पूरी संभावना है कि मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 20 मई को बेंगलुरू जाएंगे.
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन शुक्रवार शाम को बेंगलुरु रवाना होंगे. सिद्धारमैया और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्टालिन को गुरुवार को समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा था और वह एक निजी विमान से शुक्रवार शाम बेंगलुरु के लिए उड़ान भरेंगे.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी. समारोह के लिए सांसद काकोली घोष को पार्टी भेजेगी. टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ममता बनर्जी को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्होंने अपनी शुभकामनाएं दीं और समारोह में भाग लेने के लिए लोकसभा में टीएमसी उप नेता को नामित किया.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बावजूद कांग्रेस से तृणमूल की बढ़ती दूरी का एक और संकेत है. संयोग से, कर्नाटक के नतीजे आने के बाद ममता बनर्जी ने लोगों को फैसले के लिए बधाई दी, लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी पर पूरी तरह से चुप रहीं.
बाद में, उन्होंने कहा कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सशर्त समर्थन देने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को भी ऐसा ही समर्थन दे. हालांकि, पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के समझौते का सवाल ही नहीं उठता है.
केरल माकपा नाराज
उधर माकपा की केरल इकाई मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन समारोह में विशेष आमंत्रितों की सूची में आमंत्रित न किए जाने से नाराज है. सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक व राज्य के शीर्ष सीपीआई (एम) नेता ईपी जयराजन ने कहा, विजयन को आमंत्रित नहीं करना शुभ संकेत नहीं है और इससे पता चलता है कि कर्नाटक में शासन ठीक नहीं चलेगा.
बता दें कि कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था, जबकि बीजेपी और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) को क्रमश: 66 और 19 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
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