Kashmir: कन्याकुमारी से कश्मीर तक जल्द दौड़ेगी रेल, जानें कहां तक पहुंचा उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट?
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Kashmir: कन्याकुमारी से कश्मीर तक जल्द दौड़ेगी रेल, जानें कहां तक पहुंचा उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट?

Udhampur Srinagar Baramulla Rail Link: कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल कनेक्टिविटी का 140 करोड़ भारतीयों का सपना जल्दी पूरा होने वाला है. उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक का काम लगभग पूरा हो चुका है.

Kashmir: कन्याकुमारी से कश्मीर तक जल्द दौड़ेगी रेल, जानें कहां तक पहुंचा उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट?

Udhampur Srinagar Baramulla Rail Link Update: कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल कनेक्टिविटी का 140 करोड़ भारतीयों का सपना जल्दी पूरा होने वाला है. उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसके पूरा होने के बाद लोग देश के किसी भी कोने से ट्रेन के जरिए कश्मीर जा सकेंगे.

उधमपुर श्रीनगर बारामुल्ला रेल प्रोजेक्ट

ज़ी मीडिया के संवाददाता रजत वोहरा और कैमरा पर्सन माणिक केरनी ने हाल ही में जम्मू से लेकर Reasi में स्तिथ दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज तक का सफर किया. इस प्रोजेक्ट (उधमपुर श्रीनगर बारामुल्ला रेल प्रोजेक्ट) के बारे में बारीकी से जाना. आइये आपको बताते हैं भारत सरकार का यह खास प्रोजेक्ट कहां तक पहुंचा है.

35000 करोड़ की लागत

35000 करोड़ की लागत से बन रहे उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल प्रोजेक्ट के महत्व को देखते हुए इसे राष्ट्रिय महत्व का प्रोजेक्ट घोषित किया गया है. 272 किलोमीटर लंबे इस रेल प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य तेजी से जारी है. इस प्रोजेक्ट का काम लगभग पूरा हो चुका है. साथ ही कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर के काम को तेजी से पूरा किया जा रहा है. इस 111 किलोमीटर में से करीबन 97 किलोमीटर टनल हैं, इसमें सबसे बड़ी सुरंग 12.77 किलोमीटर की बनिहाल टनल है. 

कुल 37 ब्रिज बनाये जा रहे

इसके साथ ही इसमें छोटे बड़े कुल 37 ब्रिज भी बनाये जा रहे हैं, जिसमें दुनिया का सबसे ऊंचा चेनाब रेलवे ब्रिज भी शामिल है. हिमालय की गोद में बना ये चेनाब ब्रिज देश की बड़ी उपलब्धियों में से एक होगा. यह ब्रिज एक स्टील आर्च ब्रिज है और इसकी कुछ विशेषताएं हैं जो इसे अनोखा बनाती हैं.

एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा

चेनाब पुल की ऊंचाई नदी के तल से 359 मीटर है, जो पेरिस में स्तिथ एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है. इसकी कुल लंबाई 1315 मीटर है. इसे 120 वर्षों तक की सेवा के लिए डिजाइन किया गया है. चेनाब पुल को 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रेल रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है. यह भूकंप जोन 5 के हिसाब से तैयार किया गया है. इसका मुख्य आर्च 467 मीटर है, जो भारतीय रेल का सबसे लंबा आर्च ब्रिज होगा.

ब्लास्ट प्रूफ ब्रिज

इस पुल का निर्माण तीव्र गति की हवाओं को ध्यान में रखकर किया गया है. इसका डिजाइन 266 किलोमीटर प्रति घंटा की हवा को आसानी से झेल सकता है. चेनाब पुल में लगभग 27,000 टन से भी ज्यादा स्टील का इस्तेमाल हुआ है. इसे ब्लास्ट लोड के लिए डिजाइन किया गया है. इसके लिए विश्व स्तरीय वेल्डिंग का उपयोग किया गया है. चेनाब ब्रिज एक ब्लास्ट प्रूफ ब्रिज है.

सुविधा के साथ होंगे कई फायदे

इस पुल के निर्माण और उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद कन्याकुमारी से कश्मीर तक रेल पहुंचाने का सपना तो पूरा होगा ही, साथ ही इसके कई और बेनिफिट्स भी हैं. जम्मू कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में तैनात सुरक्षाबलों की आवाजाहि और लोजिस्टिक्स के लिए ये प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण है. इसके आलावा देश और दुनिया भर से आने वाले सैलानी भी अब रेल के माध्यम से आसानी से दुनिया के स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर का नजारा ले सकेंगे. 

वर्ल्ड टूरिज्म डेस्टिनेशन

टूरिज्म को लेकर चेनाब रेल ब्रिज की महत्वता को देखते हुए इसे वर्ल्ड टूरिज्म डेस्टिनेशन भी डिक्लेयर किया जा चुका है. इसके अलावा ये प्रोजेक्ट जम्मू कश्मीर के साथ-साथ देश की इकॉनमी को बूस्ट करने में बड़ा मददगार साबित होगा. ट्रेन जाने से सामान की आवाजाहि आसान और तेज होगी. चेनाब पुल का निर्माण भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और ताकत का एक अनूठा उदाहरण है. यह रेलवे सेवाओं में नई ऊंचाइयों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है. इस पुल का निर्माण पूरा होने पर, यह न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार होगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर के संचार को भी मजबूत करेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा. नए भारत की नयी तस्वीर पेश करता ये उधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल प्रोजेक्ट करोड़ों भारतियों का सपना तो पूरा कर ही रहा है साथ ही दुनिया में भारत की ताकत को भी दर्शा रहा है.

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