सेना के इस कदम से पाकिस्तान के आतंक की फैक्ट्री पर लगेगा ताला, कश्मीर युवाओं को आ रही अक्ल
Advertisement
trendingNow1542515

सेना के इस कदम से पाकिस्तान के आतंक की फैक्ट्री पर लगेगा ताला, कश्मीर युवाओं को आ रही अक्ल

पिछले कुछ समय से ऐसी घटनाएं तेज़ी से बढ़ी हैं, जिनमें आतंकवाद का रास्ता पकड़ चुके नौजवानों ने हथियार डाल दिए और वापस आ गए. इन घटनाओं ने पाकिस्तान को बेचैन कर दिया है. इसलिए उसने हिज़बुल मुजाहिदीन में भर्ती होने के लिए ये नई शर्त लगाने को कहा है. 

पाकिस्तान लगातार कश्मीरी युवकों को आतंक की राह पर ढकेल रहा है, लेकिन सेना अब इसपर अंकुश लगा रहा है. फाइल तस्वीर

नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में झूठे प्रोपेगेंडा से बहकावे में आकर हथियार उठाने वाले युवकों की वापस समाज में लौटने की घटनाओं से परेशान पाकिस्तान ने आतंकवादी गिरोहों को नया फ़रमान दिया है. किसी युवक को आतंकवादी गिरोह में शामिल करने से पहले उससे बड़ी आतंकी कार्रवाई करवाओ. हाल में ही खुफ़िया एजेंसियों को पता चला है कि अब हिज़बुल मुजाहिदीन में शामिल होने से पहले हर युवक को कोई वारदात करनी पड़ेगी.

बेचैन है पाकिस्तान
दरअसल, पिछले कुछ समय से ऐसी घटनाएं तेज़ी से बढ़ी हैं, जिनमें आतंकवाद का रास्ता पकड़ चुके नौजवानों ने हथियार डाल दिए और वापस आ गए. इन घटनाओं ने पाकिस्तान को बेचैन कर दिया है. इसलिए उसने हिज़बुल मुजाहिदीन में भर्ती होने के लिए ये नई शर्त लगाने को कहा है. आतंक का रास्ता पकड़ चुके नौजवानों को वापस लाने में सुरक्षा बलों के साथ-साथ इन नौजवानों के घरवालों की भी बड़ी भूमिका रहती है. 

आतंकियों के झांसे में नहीं आ रहे नौजवान
कुछ ही दिन आतंकवादियों के साथ रहने पर इन नौजवानों को असलियत का पता चल जाता है और वो वापस आना चाहते हैं. सुरक्षा बल ऐसे नौजवानों की न केवल सुरक्षित वापसी पक्की करते हैं बल्कि वो इनकी दोबारा सामान्य ज़िंदगी शुरू करने में भी मदद करते हैं. हिज़बुल मुजाहिदीन में स्थानीय नौजवान ही होते हैं इसलिए इनके मां-बाप भी वापसी की अपील करते हैं और हाल के समय में कई बार देखा गया है कि इसके अच्छे नतीजे निकले हैं. 

जोश में आकर आतंकी बनते हैं नौजवान
कश्मीर में दो दशक तक आतंकवाद को क़रीब से देखने वाले एक वरिष्ठ सैनिक अधिकारी ने बताया कि अक्सर मारे गए आतंकवादी के जनाज़े के पास कई नौजवान जोश में आकर आतंकवादियों के साथ जाने की कसम ले लेते हैं. बाद में आतंकवादी उन्हें जबरन अपने साथ मिलने के लिए मजबूर कर देते हैं. ऐसे नौजवान मौका मिलने पर वापस आना चाहते हैं और पाकिस्तान ये रास्ता बंद करना चाहता है.

इस साल मई तक कुल 50 नौजवान आतंकवादी गिरोहों में शामिल हुए हैं, इनमें से 30 हिजबुल में, 5 लश्करे तैयबा में, 14 जैशे मोहम्मद में और 1 किसी अनजान गिरोह में शामिल हुआ है. पिछले साल कुल 209 और 2017 में 128 स्थानीय नौजवान आतंकवादी बने थे. इससे पहले 2016 में 84 और 2015 में 83 नौजवानों ने आतंक का रास्ता पकड़ा था. 2016 में हिजबुल आतंकवादी बुरहान वानी के मरने के बाद कश्मीरी युवाओं में आतंकवादी बनने की घटनाएं बढ़ी थीं.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news