IAS, RBI का क्या होगा? DMK को 'भारत' नामंजूर तो केरल की कम्युनिस्ट सरकार भी लाल
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trendingNow11932018

IAS, RBI का क्या होगा? DMK को 'भारत' नामंजूर तो केरल की कम्युनिस्ट सरकार भी लाल

Kerala Government Reaction on NCERT Panel: देश का नाम ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ करने की NCERT पैनल की सिफारिश एक राज्य को रास नहीं आई है. उसने इसे शिक्षा का भगवाकरण करने का प्रयास करार दिया है. 

IAS, RBI का क्या होगा? DMK को 'भारत' नामंजूर तो केरल की कम्युनिस्ट सरकार भी लाल

Kerala Government Reaction on NCERT Panel Recommendation on Country Name: स्कूली सिलेबस के रिवीजन के लिए गठित एनसीईआरटी के एक पैनल ने किताबों में देश का नाम ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ करने की संस्तुति की है. इस सिफारिश पर अब सियासी संग्राम शुरू हो गया है. केरल की वामपंथी सरकार को पैनल की यह सिफारिश रास नहीं आई है. उसने एनसीईआरटी पैनल के इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध शुरू कर दिया है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के नेतृत्व वाली सरकार ने आरोप लगाया कि यह एक छिपे हुए एजेंडे के साथ संकीर्ण राजनीति का हिस्सा है, जिसे राज्य किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं कर सकता.

एनसीईआरटी पैनल ने दिया है सुझाव

बताते चलें कि स्कूली पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की ओर से सामाजिक विज्ञान विषय के रिवीजन के लिए बनाए गए एक पैनल ने देशभर में सभी कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ के स्थान पर ‘भारत’ (Bharat vs India Controversy) करने की सिफारिश की है. 

केरल की वामपंथी सरकार ने जताई आपत्ति

पैनल के इस सुझाव पर केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. राज्य के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केरल देश का नाम बदलने की समिति की सिफारिश को अस्वीकार कर देगा. जानबूझकर समूचे पाठ्यक्रम का ‘भगवाकरण’ करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे नई पीढ़ी को देश के प्रामाणिक इतिहास को जानने का अवसर न मिले.

'लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप नहीं'

शिवनकुट्टी ने आरोप लगाया कि पाठ्यक्रम का राष्ट्रीय स्तर का यह संशोधन लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है. मंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को संविधान में उल्लिखित इंडिया या भारत शब्द का इस्तेमाल करने का अधिकार है. उन्होंने केरल सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि पाठ्यपुस्तक में केवल ‘भारत’ (Bharat vs India Controversy) शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कहना छिपे हुए एजेंडे और संकीर्ण राजनीति का हिस्सा है और केरल इसे स्वीकार नहीं कर सकता.

'इतिहास को विकृत करने का प्रयास'

मंत्री ने आरोप लगाया कि एक संघीय देश में महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले राज्यों की राय भी मांगी जानी चाहिए, लेकिन देश में अब ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने याद दिलाया कि जब पिछले पाठ्यक्रम संशोधन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर ‘इतिहास को विकृत करने’ का इसी तरह प्रयास हुआ था तो केरल ने ‘अकादमिक’ रूप से जवाब दिया था. 

'शिक्षा एक समवर्ती विषय'

उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि स्कूल जाने की उम्र वाले 33 करोड़ बच्चों में से केवल 25 करोड़ ही वास्तव में शैक्षणिक संस्थानों में जाते हैं और शेष बच्चे विभिन्न कारणों से स्कूलों में नहीं जा पाते. मंत्री ने कहा कि चूंकि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए राज्य को उस क्षेत्र में अपना निर्णय लेने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि अगर एनसीईआरटी अपनी पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से बच्चों के सामने ‘असंवैधानिक, अवैज्ञानिक और वास्तविक इतिहास को विकृत करने वाली’ सामग्री (Bharat vs India Controversy) प्रस्तुत करने का इरादा रखता है, तो केरल अकादमिक बहस उठाकर इसका बचाव करेगा. 

उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह देश का नाम बदलकर भारत (Bharat vs India Controversy) करने की कोशिश कर रहा है क्योंकि विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम ‘‘इंडिया’’ रखा गया है.  

(एजेंसी भाषा)

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